जल संकट पर नाना पटोले ने सरकार को घेरा, कहा- आचार संहिता का बहाना बनाकर राहत देने से बच रही

नागपुर: विदर्भ सहित मराठवाड़ा के कई हिस्सों सूखे का सामना कर रहा है। पानी के लिए नागरिक दूर-दूर तक जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में जल संकट बना हुआ है प्रशासन द्वारा टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, वह भी नाकाफी पड़ रही है। राज्य में उपजे जल संकट को लेकर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य सरकार को घेरा है। पटोले ने सरकार पर आचार संहिता के नाम पर राहत नहीं देने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को नागपुर स्तिथ अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा, "राज्य में जल संकट की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सरकार आचार संहिता का हवाला देकर सूखा राहत से बच रही है। लोग पानी के लिए भटक रहे हैं। जानवरों के लिए चारा नहीं है, किसानों को न्याय नहीं, सरकार मस्त और किसान पस्त ऐसी स्तिथि बनी हुई है।"
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सूखे पर ली बैठक पर तंज कस्ते हुए पटोले ने कहा, "मुख्यमंत्री जायजा लेने जाते हैं और उनके मंत्री उनकी बात नहीं सुनते। मुख्यमंत्री की जल अभाव एवं सुखाड़ समीक्षा बैठक में मंत्री का शामिल नहीं होना गंभीर है।" इस के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से आचार संहिता का बहाना छोड़कर जल्द से जल्द राहत देने का काम शुरू करने की मांग की।

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