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Nagpur

OBC Reservation: आंदोलन का दूसरा दिन, देशमुख बोले- ओबीसी और मराठा में विवाद पैदा करने की कोशिश न करें सरकार


नागपुर: ओबीसी से मराठा को आरक्षण देने के विरोध में शुरू नेशनल ओबीसी फेडरेशन और ऑल ब्रांच कुनबी ओबीसी मूवमेंट एक्शन कमेटी द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। संविधान चौक पर रविवार से शुरू हुआ आंदोलन सोमवार को भी जारी रहा। आंदोलन के दूसरे दिन एनसीपी नेता अनिल देशमुख संविधान चौक पर पहुंचे। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “सरकार ओबीसी और मराठा समुदाय में लड़ाई कराने का प्रयास न करें।”

आंदोलन में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए देशमुख ने कहा, “ओबीसी समुदाय में 350 जातियां शामिल है। सभी को पता है हमें आरक्षण कितना मिला हुआ है। इसलिए बिना ओबीसी के हक़ को मारे हुए मराठा को आरक्षण दें। कोई भी ओबीसी नेता मराठा को आरक्षण देने का विरोध नहीं कर रहा है। बस उन्हें ओबीसी के बजाय आरक्षण का प्रतिशत बढ़कर दिया जाना चाहिए।”

राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए देशमुख ने कहा, "राज्य सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही। ओबीसी और मराठा समाज को आमने सामने लाकर रख दिया है। मराठा समाज से कोई विरोध नहीं है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। संसद में केंद्र सरकार को कानून लाना चाहिए और जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण करना चाहिए।" इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, “राज्य सरकार ओबीसी और मराठा में लड़ाई कराने का काम न करें।"

रोजाना 10 बजे से 5 आंदोलन

संविधान चौक पर शुरू आंदोलन हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा रहा है। आंदोलन के पहले दिन रविवार को विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व मंत्री नितिन राऊत, विधायक समीर मेघे, पूर्व विधायक दीनानाथ पडोले, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, परिणय फुके, भाजपा जिला अध्यक्ष सुधाकर कोहले, अशोक धवड़ आदि ने धरना स्थल पर पहुंचे थे। वहीं आंदोलन के दूसरे दिन सोमवार को पूर्व न्यायाधीश बीजी कोलसे पाटिल, पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने विरोध स्थल का दौरा किया और अपना समर्थन जताया। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े, संयुक्त सचिव शरद वानखेड़े, राजेश काकड़े, गुणेश्वर अरीकर, सुरेश वारा आदि सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

17 सितंबर को सभी कलेक्टर कार्यालयों पर मार्च

ओबीसी नेताओं ने कहा कि, "मराठा समुदाय के आरक्षण का कोई विरोध नहीं है, लेकिन वक्ताओं ने मांग की कि ओबीसी समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना और ओबीसी समुदाय के आरक्षण में से आरक्षण दिए बिना अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए। यदि सरकार उपरोक्त मांगों को शीघ्र पूरा नहीं करती है तो 17 सितंबर को राज्य के सभी कलेक्टर कार्यालयों पर मार्च निकालने का निर्णय लिया गया।