Nagpur: मरीजों की जान से खिलवाड़, मेडिकल में बंटी 77 हजार नकली दवाएं, जांच हुआ खुलासा
नागपुर: गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए आशा की किरण माने जाने वाले एशिया के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल मेडिकल में हाल ही में सामने आए एक गंभीर मामले ने हड़कंप मचा दिया है। एंटीबायोटिक दवा 'रैक्लेव 625' को नकली पाए जाने के बाद, राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि अस्पताल में करीब 77,000 नकली दवाएं मरीजों को बांटी गई थीं। इस मामले में जांच रिपोर्ट के बाद अजनी पुलिस थाने में एफडीए की ओर से FIR दर्ज करवाई गई है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब एफडीए ने जिला शल्यचिकित्सक नागपुर के अंतर्गत दवा भंडार में जांच की.जांच में पाया गया कि 'रेसीव 500' नामक दवा में आवश्यक सिप्रोफ्लॉक्सासिन एंटीबायोटिक नहीं थी। इसके अलावा, 'रिक्लेव 625' नामक दवा भी नकली निकली, जिसके संबंध में स्पष्ट जानकारी सामने आई है कि इसकी निर्माता कंपनी गुजरात की रिफाइंड फार्मा अस्तित्व में नहीं है।
इस मामले में इस से पहले कलमेश्वर पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से पांच अभी जेल में हैं। ड्रग इंस्पेक्टर नितिन भंडारकर ने अगस्त 2023 में 'रिक्लेव 625' के 200 नमूने लेकर जांच के लिए भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट अगस्त 2024 में आई। यह दवा सर्दी, खांसी और इन्फेक्शन के लिए उपयोग की जाती है और इसे सरकारी नेशनल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई थी। अब यह सवाल उठता है कि इस गंभीर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई के लिए सभी की निगाहें पुलिस और एफडीए पर टिकी हैं।
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