अपराध पर अंकुश लगाने पुलिस आयुक्त ने कसी कमर, मोबाइल नंबर जारी कर नागरिको से मदद का किया आव्हान
नागपुर: नागपुर शहर में अपराधी इन दिनों बेखौफ होकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगे। पिछले साल जहां फरवरी महीने में नागपुर पुलिस ने जीरो मर्डर के चलते अपनी पीठ थपथपाई थी तो वहीं इस फरवरी महीने में 29 दिनों में ही हत्याओं की 13 वारदातों के चलते पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। यही कारण है कि नवनियुक्त सीपी डॉ रविंद्र कुमार सिंगल ने अपना मोबाइल नंबर जारी कर नागरिकों से आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए मदद का आह्वान किया है।
शहर में 1 फरवरी की रात नवनियुक्त सीपी डॉ रविंद्र कुमार सिंगल ने शहर की सुरक्षा व कानून व्यवस्था की बागडोर अपने हाथ में ली। ठीक उसी रात वाठोडा में दोहरी हत्या से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। 14 फरवरी को अजनी पुलिस थाने के नाईक नगर परिसर में दिनदहाड़े तड़ीपार गुंडे सूरज बिहारी की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई। इस मामले में शामिल तीन आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया ।हालांकि इस मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही भी उजागर हुई इसके बाद अजनी थाने के 9 पुलिस कर्मियों का मुख्यालय में तबादला किया गया । साथ ही उनकी विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए और लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी इशारा दिया ।
हत्याओं का यह दौर यहीं पर नहीं थमा है। 24 फरवरी को दिनदहाड़े घर में घुसकर फोटोग्राफर विनय पुणेकर की गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या में आरोपी के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगे। बाबजूद इसके के 5 दिन बीत जाने के बाद भी नागपुर की हाईटेक पुलिस हत्या कि इस वारदात को अंजाम देने वाले शूटर हेमंत शुक्ला को अभी तक पकड़ने में नाकाम रही। शहर में इन दिनों पिस्टल जैसे अवैध हथियारों का इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं में बढ़ने लगा है। जिसके चलते नागपुर पुलिस का सिर दर्द बढ़ गया है। शहर में आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस आयुक्त ने अपनी नियुक्ति के बाद ही शहर के अपराधियों की परेड भी करवाई। इसके जरिए अपराधिक गुंडो को अपराध के रास्ते से हटकर सुधरने की नसीहत दी गई। हालांकि हर एक
अधिकारी की काम करने की पद्धति और शैली अलग होने के चलते अपराधियों पर पुलिस की यह नसीहत भी कुछ खास काम करती हुई दिखाई नहीं दे रही है। शहर में वेखौफ होते अपराधि अब तो दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या करने लगे हैं। शहर में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए ही सुरक्षा की बागडोर संभाले पुलिस आयुक्त को स्वयं सड़क पर उतरना पड़ा और कांबिंग ऑपरेशन कर अपराधियों की धर पकड़ करनी पड़ी। चुनाव के मदेनजर शहर के कई पुलिस निरीक्षकों के तबादले हुए हैं। ऐसे में नए थानेदारों को भी शहर के माहौल और अपराधियों को समझने में वक्त लगेगा।
इसका फायदा भी शहर के अपराधी उठाने लगे हैं। चर्चा तो यहां तक है कि शहर में थानों की बागडोर संभाले करीब 9 नये थानेदारों ने साइड ब्रांच में जाने का निर्णय लिया और इसका आवेदन भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया है। ऐसे में शहर में इन अपराधियों पर लगाम लगाएगा तो भला कौन यह सवाल अब सामान्य नागरिकों के मन में उठने लगा है। यही कारण है कि पुलिस आयुक्त ने अपना मोबाइल नंबर जारी कर सामान्य नागरिकों से अपराध की रोकथाम के लिए मदद का आवाहन किया है।
पिछले 29 दिनों में ही शहर में 13 हत्याये हुई है। पिछले साल फरवरी महीने में नागपुर पुलिस ने जीरो मर्डर का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। ऐसे में शहर वासियों की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए शहर पुलिस मुखिया को न केवल अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करनी पड़ेगी बल्कि सामान्य नागरिकों के मन में भी भय मुक्त माहौल पैदा करने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग की आवश्यकता महसूस होने लगी है जिस पर भी पुलिस आयुक्त डॉ रविंद्र कुमार सिंगल अपनी टीम के साथ काम कर रहे हैं जिस पर कुछ वक्त जरूर लगेगा।
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