छोटी स्कर्ट पहन महिलाओं का उत्तेजक नृत्य करना अश्लील नहीं: उच्च न्यायालय
नागपुर: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा कि छोटी स्कर्ट पहनने और उत्तेजक नृत्य करने वाली महिलाओं को अश्लील हरकत करने वाला नहीं कहा जा सकता। कोर्ट, अश्लीलता क्या है, इसे लेकर एक प्रकरण पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि इस शब्द को परिभाषित करने का काम पुलिस पर नहीं छोड़ा जा सकता है। नागपुर खंडपीठ ने यह भी कहा कि वह नैतिकता के प्रचलित मानदंडों और वर्तमान समय में किस प्रकार के पहनावे को सामान्य और स्वीकार्य माना जाता है, के प्रति सचेत हैं।
नागपुर पीठ ने हाल ही में एक पार्टी में "कम कपड़े पहने" महिलाओं को नाचते हुए देखने के लिए पांच लोगों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर दिया। जस्टिस विनय जोशी और वाल्मिकी एसए मेनेजेस की खंडपीठ ने 11 अक्टूबर को नागपुर जिले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने आदेश में कहा, “कौन से कार्य अश्लीलता का कारण बन सकते हैं, इस बारे में एक संकीर्ण दृष्टिकोण रखना हमारी ओर से एक प्रतिगामी कार्य होगा। हम मामले में प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना पसंद करते हैं और इस तरह का निर्णय पुलिस अधिकारियों के हाथों में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।”
अदालत ने कहा, “आरोपी महिलाओं की हरकतें, जो कथित तौर पर छोटी स्कर्ट पहने थीं और उत्तेजक नृत्य कर रही थीं या अश्लील इशारे कर रही थीं, उन्हें अश्लील हरकतें नहीं कहा जा सकता है।"
एफआईआर के मुताबिक, 31 मई को पुलिस ने उमरेड इलाके में एक जगह पर छापा मारा और पाया कि कुछ लोग "कम कपड़े पहने महिलाओं को अश्लील नृत्य करते हुए" देख रहे थे और उन पर नकली नोटों की बारिश कर रहे थे।
एफआईआर में महिलाओं समेत 18 लोगों के नाम शामिल हैं। इसके बाद आरोपियों ने मामले को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया।
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