शराब छोड़ने नशा मुक्ति केंद्र में व्यक्ति हुआ भर्ती, तीन दिन में हुई मौत; परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

नागपुर: शराब की लत छुड़वाने के लिए एक व्यक्ति को उसके परिजनों ने शहर के एक व्यसन मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाया था। परंतु 3 दिन बाद ही लाश के रूप में कफ़न में लिपटा हुआ यह व्यक्ति परिवार को मिला। मामला नागपुर के अजनी पुलिस थाना अंतर्गत मानेवाड़ा रोड स्थित साहस नशा मुक्ति उपचार केंद्र का है जहां मृतक के परिजनों ने व्यसन मुक्ति के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत पुलिस से की है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक 34 वर्षीय रवि दिलीप जाधव था। परिवार में रवि के तीन भाई और एक बहन है। उसकी शादी 13 साल पहले हुई थी और अभी उसके दो बच्चे भी हैं। रवि चिकन की दुकान चलाते थे। 10 साल पहले उन्हें शराब पीने की लत लग गई थी। 6 मई को उसके परिजन उसकी शराब छुड़वाने के चलते उसे मानेवाड़ा रिंग रोड स्थित मित्र नगर साहस नशा मुक्ति उपचार केंद्र लेकर गए थे जहां नशा मुक्ति केंद्र के डॉक्टर विजय शेंडे ने उन्हें 3 महीने में उसकी शराब छुड़वाने की बात बताई औऱ नशा मुक्ति केंद्र में ही एडमिट करवाने के लिए कहा।
तब परिजनों ने ₹13000 महीने के खर्च से उसे नशा मुक्ति केंद्र में भी दाखिल करवाया। 9 मई की सुबह मेडिकल अस्पताल से नशा मुक्ति केंद्र के अधिकारियों ने रवि के पिता दिलीप को फोन कर बताया कि उनके बेटे की तबीयत खराब होने के चलते उसे मेडिकल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। हालांकि जब पिता दिलीप मेडिकल अस्पताल पहुंचे तब उन्हें उनका बेटा रवि कफन में लिपटा हुआ मिला। परिवार का आरोप है कि नशा मुक्ति उपचार केंद्र के अधिकारियों की लापरवाही से रवि की मौत हुई है और इसके चलते उन्होंने अजनी पुलिस थाने में भी मामले की शिकायत की है साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने फिलहाल आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है साथ ही परिजनों ने भी इस मामले में नशा मुक्ति केंद्र के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत पुलिस से की है जिसके चलते पुलिस इस मामले में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और नशा मुक्ति केंद्र के सीसीटीवी फुटेज और वहां एडमिट अन्य मरीजों से पूछताछ के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई करने वाली है।

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