पूर्वी विदर्भ से बारिश ने मोड़ा मुँह, पानी नहीं गिरने से बढ़ी किसानों की मुश्किलें

नागपुर: पूर्वी विदर्भ में बारिश की बेरुखी ने एक बार फिर किसानो की टेंशन बढ़ा दी है। जून महीने में नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और वर्धा में सामान्य से कम बारिश हुई है। इनमे सबसे कम भंडारा में 58 फीसदी और नागपुर में 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हलाकि, पक्शिम विदर्भ में अमरावती को छोड़ बाकी जिलों में मानसून सामान्य रहा है।
जून के दूसरे पखवाड़े में मानसून की आमद के साथ अच्छी बारिश के आसार थे। हलाकि, इस साल पूर्वी विदर्भ के लिए जून महीना सूखा ही साबित हुआ. बारिश के आकड़ो को देखे तो केवल जून महीने में भंडारा में सामान्य से 58 फीसदी कम बारिश हुई है। इसके साथ ही गडचिरोली में 41 % कम, नागपुर -चंद्रपुर में 22 % कम और वर्धा में भी 11 फीसदी क़म बारिश हुई है। बारिश की इस बेरुखी के लिए बंगाल की खाड़ी में कोई सिस्टम नहीं बनने को जिम्मेदार माना जा रहा है. मौसम विभाग का तर्क है जब तक बंगाल की खाड़ी में कोई कम दवाब का क्षेत्र नहीं बनता तब तक भारी बारिश के आसार नहीं है।
अकेले नागपुर की बात करे तो जून के महीने में जिले में जहां सामान्य वर्षा 173.9 मिमी होनी चाहिए वह 30 जून तक 134.8 मिमी ही हुई। औसत से 22 प्रतिशत कम हुई। जिले में करीब 40-50 प्रतिशत बुआई किसानों ने कर ली है। कुछ किसानों ने बताया कि फिलहाल किसी तरह की दिक्कत नहीं है लेकिन अगर बादलों ने धोखा दिया तो दिक्कत हो सकती है। हलाकि, पूर्वी विदर्भ की तुलना में पक्षिमी विदर्भ के जिलों में मानसून की बेहरबानी ज्यादा अधिक है। अकोला, बुलढाणा, यवतमाल और वाशिम मानूसन सामान्य रहा है।

admin
News Admin