Nagpur: राम झूला एक्सीडेंट मामला: रितिका मालू की जमानत अर्जी हुई खारिज

नागपुर: नागपुर में रामझूला सड़क दुर्घटना मामले में जिला न्यायालय ने रितिका मालू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने 13 मार्च को आरोपी रितिका मालू को अंतरिम जमानत दी थी। अंतिम बहस के बाद जिला एवं अतिरिक्त सत्र अदालत शुक्रवार को आरोपी रितिका की किस्मत का फैसला करेगी।
ज्ञात हो कि, मोहम्मद हुसैन मुस्तफा और मोहम्मद आतिफ जिया को 25 फरवरी को राम झूला पुल पर कथित तौर पर रितिका उर्फ रितु मालू द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार मर्सिडीज ने कुचल दिया था।
कुछ ही घंटों में मिली थी जमानत
25 फरवरी को, रितिका को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद तहसील पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जमानती धारा 304ए के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण मौत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। अदालत ने उसे कुछ ही घंटों के भीतर जमानत दे दी थी। 29 फरवरी को क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) ने रितिका के रक्त के नमूनों में अल्कोहल की पुष्टि की। निष्कर्षों ने पुलिस को गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने पर मजबूर किया। 2 मार्च को अदालत की अनुमति के बाद एफआईआर में यह धारा जोड़ी गई है।
इस बीच, पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) से संपर्क कर एफआईआर में जोड़े गई धारा के तहत रितिका को गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी। निचली अदालत ने पुलिस की याचिका खारिज कर दी, जिससे अभियोजन पक्ष को सत्र अदालत के समक्ष आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूछताछ के लिए रितिका को हिरासत में लेने की पुलिस की रणनीति को भांपते हुए रितिका के वकील ने भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
कैसे हुआ हादसा?
रितिका अपनी दोस्त माधुरी सारदा के साथ वर्धमान नगर स्थित अपने घर वापस जा रही थी, जब उसकी मर्सिडीज कार पुल की साइड की दीवार से टकरा गई और फिर एक स्कूटर से टकरा गई, जिसे हुसैन चला रहा था और आतिफ पीछे बैठा था। दोनों की मृत्यु हो गई। दोनों महिलाएं मौके से भाग गईं जबकि घायलों को मेयो अस्पताल ले जाया गया। रितिका और माधुरी सीपी क्लब से डिनर के बाद लौट रही थीं। पुलिस ने क्लब के सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए थे और उनके शराब के बिल जब्त किए थे, जो अब मामले में सबूत का हिस्सा हैं।

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