जातीय जनगणना पर संघ ने दिया स्पष्टीकरण, प्रयोग से सामजिक समरसता और एकात्मकता खंडित न हो
नागपुर: जाती जनगणना की मांग का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने विरोध किया है। संघ के इस बयान पर विपक्ष हमलावर हो गया है। विपक्ष सहित एनडीए में शामिल पार्टी नेताओं ने भी इसका विरोध किया। वहीं अब इस विवाद पर संघ का स्पस्टीकरण आया है। संघ नेता सुनील आंबेकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "इसका प्रयोग करते समय सामजिक समरसता और एकात्मकता खंडित न हो।"
आंबेकर ने ट्वीट में लिखा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी भी प्रकार के भेदभाव एवं विषमता से मुक्त समरसता एवं सामाजिक न्याय पर आधारित हिन्दू समाज के लक्ष्य को लेकर सतत कार्यरत है। यह सत्य है कि विभिन्न ऐतिहासिक कारणों से समाज के अनेक घटक आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ गए। उनके विकास, उत्थान एवं सशक्तिकरण की दृष्टि से विभिन्न सरकारें समय-समय पर अनेक योजनाएँ एवं प्रावधान करती हैं, जिनका संघ पूर्ण समर्थन करता है।"
उन्होंने आगे कहा, "पिछले कुछ समय से जाति आधारित जनगणना की चर्चा पुनः प्रारंभ हुई है। हमारा यह मत है कि इस का उपयोग समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए हो और यह करते समय सभी पक्ष यह सुनिश्चित करें कि किसी भी कारण से सामाजिक समरसता एवं एकात्मता खंडित ना हो।"
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