SC ने नागपुर हवाई अड्डे के संचालन के लिए GMR के खिलाफ उपचारात्मक याचिका पर मांगी सॉलिसिटर जनरल की राय

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निजी फर्म जीएमआर एयरपोर्ट्स को नागपुर के बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपग्रेड करने और संचालित करने की अनुमति देने के अपने फैसले के खिलाफ केंद्र और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की उपचारात्मक याचिका से संबंधित मुद्दों पर सॉलिसिटर जनरल के विचार मांगे।
सर्वोच्च न्यायालय ने 9 मई, 2022 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हाई कोर्ट ने MIHAN इंडिया लिमिटेड की मार्च 2020 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इसमें GMR एयरपोर्ट्स के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया था। साल 2019 में दिया गया यह अनुबंध हवाई अड्डे के उन्नयन और प्रबंधन के लिए था।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मामला है, जिसमें बड़ी वित्तीय दांवपेंच हैं।’’ उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह केंद्र के विधि अधिकारी के रूप में नहीं, बल्कि न्यायालय के अधिकारी के रूप में अपने ‘‘निष्पक्ष’’ विचार दें। उन्होंने कहा कि न्यायालय का उद्देश्य राज्य और निजी फर्म के प्रतिस्पर्धी हितों पर विचार करते हुए समानता का संतुलन बनाए रखना है।
सॉलिसिटर जनरल ने पीठ की सहायता करने पर सहमति जताई और मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। अदालत ने मेहता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले, विशेष पीठ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हवाई अड्डे के लिए निविदा प्रक्रिया से संबंधित फाइल नोटिंग प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

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