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Nagpur

40 साल पहले स्वीडिश दंपत्ति ने लिया गोद, अब अपनी असली मां को ढूढने नागपुर पहुंची महीला


नागपुर: उपराजधानी से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां 40 साल पहले एक वर्षीय अनाथ बच्ची को स्वीडिश संपत्ति ने गोद लिया और उसे लेकर स्वीडन लेकर चले गए। हालांकि, अब वह बच्ची बड़ी हो गई है और अपनी मां को ढूढने के लिए नागपुर पहुंची है। महिला का नाम एना पेट्रिशिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, एना का जन्म नागपुर के डागा अस्पताल में 28 फरवरी 1983 को हुआ था। हालांकि, मां बिन बिहाई थी इसलिए उसे वह शहर के श्रद्धानंद पेठ स्थित अनाथ आश्रम में छोड़कर चली गई। जिसके एक साल बाद स्वीडिश दंपति ने उसे गोद लिया और स्वीडन लेकर चले गए। हालांकि, 40 साल बाद वह अपनी मां को ढूंढने के लिए वापस नागपुर आईं हैं। 

अपनी जैविक मां को दोबारा ढूढने को लेकर ऐना ने कहा, "स्कूल में बच्चे समझाने लगते हैं कि उनके बाल उनकी मां की तरह हैं और नाक उनके पिता की तरह हैं। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसा नहीं कर सकती। एक बच्चे के दृष्टिकोण से, आप अपनी तुलना अपनी माँ से नहीं कर सकते।  आपको बस एक ऐसी जगह पर रखा जाता है, जहां आप किसी और की तरह नहीं दिखते। तो यहीं से मेरे मन में (अपनी जैविक मां की खोज करने का) विचार आया।  मुझे उम्मीद है कि इससे कुछ और हासिल हो सकता है।"

हर जगह जा चुकी नहीं मिला कोई सुराग 

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, एना की मां का नाम शांता है और वह शांतिनगर की निवासी थी। ऐना ने कहा कि, नागपुर आने के बाद वह सबसे पहले शांतिनगर क्षेत्र में गई लेकिन उन्हें उनकी मां नहीं मिली। वह हर वह जगह जा चुकीं है, जहां से उनकी मां को लेकर कोई सबूत मिल सके। लेकिन वह खाली हाथ रह गई। वह श्रद्धानंद पेठ स्थित उस अनाथालय भी पहुंची जहां उनकी मां ने उन्हें छोड़ा था, लेकिन वह से भी निराश होकर लौटना पड़ा। हालांकि, ऐना ने कहा कि, जब तक मां नहीं मिल जाती तब तक वह वापिस नहीं जाएंगी।  

मां से कोई गीला शिकवा नहीं

ऐना सोमवार को अपनी मां को ढूंढने के लिए शहर के रेड लाइट एरिया भी गई, लेकिन वहां भी उन्हें कुछ नहीं मिला। ऐना ने कहा, वह तीन बच्चों की मां हैं, उन्हें भी पता है मां बच्चों के लिए क्या होती है। मुझे छोड़ने के लिए उनसे (जन्म देने वाली मां) कोई गिला शिकवा नहीं है। बस अपनी मां से मिलना चाहती हुं। उन्हें गले लगाना चाहती हूं। उनकी गोद में सोना चाहती हूं।"