जर-तर का कोई अर्थ नहीं जो फैसला आये उसका सब स्वागत करें-बावनकुले

नागपुर: राज्य के सत्ता संघर्ष का फ़ैसला का सफर कुछ दिन और बढ़ गया है लेकिन शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह की मांग को ख़ारिज कर दिया है.जिसे सत्ताधारी दल अपने हक़ में मनाता है.शिंदे समूह ने मामले को 7 जजों की पीठ के पास भेजने की मांग की थी इसे सर्वोच्च अदालत ने ख़ारिज कर दिया है.इस पुरे मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है की सुप्रीम कोर्ट अपने आप में संवैधानिक पीठ है ऐसे में वो जो फैसला लेगी वो सही ही होगा। इसलिए सभी को निर्णय का इंतज़ार करना चाहिए और जो भी फैसला आये उसका स्वागत किया जाना चाहिए। जीवन में जर-तर का कोई अर्थ नहीं होता। बावनकुले ने यह भी कहा की सरकार के पास पूर्ण बहुमत है अगर आज बहुमत परीक्षण का मौका आये तो 184 से अधिक मत हासिल होगा।

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