कब पूरा होगा गांधी सागर तालाब का काम, नागरिकों ने भजन गाकर किया विरोध
नागपुर: शहर की जो प्रमुख पहचान है उसमे गांधी सागर तालाब भी शामिल है। पहले से बेहद सुन्दर तालाब को नए सिरे से सुन्दर बनाने और मजबूत बनाने का काम इन दिनों शुरू है लेकिन बीते चार वर्षो से शुरू ये काम यहाँ के स्थानीय नागरिको के सब्र की बड़ी परीक्षा ले रहा है।
नागपुर का ऐतिहासिक गांधीसागर तालाब के सौंदर्यीकरण का काम इन दिनों चल रहा है। लेकिन यह काम काफी सुस्त गति से चल रहा है जिसे लेकर स्थानीय लोगो में भरी नाराजगी है। तालाब का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम से है। जिस वजह से गाँधी जयंती के दिन स्थानीय लोगो ने बापू के भजनो को गा कर अपना विरोध दर्ज कराया।
गांधीसागर उद्यान कल्याणकारी संस्था के मुताबिक तालाब में शुरू काम नागरिको के लिए राहत कम आफत ज्यादा साबित हो रहा है। काम शुरू होने के को चार साल हो चुके है जो अब तक ख़त्म नहीं हुआ है। जबकि करार के मुताबिक यह काम दो साल में हो जाना था। तालाब में जमा पानी की वजह से गन्दगी फ़ैल रही है और गन्दगी की वजह से बीमारिया।
तालाब में शुरू निर्माणकार्य की वजह से नागरिकों को हो रही तकलीफो की वजह से कई बार प्रशासन को निवेदन दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नागरिक निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठा रहे है। उनका कहना है की कुछ वक्त पहले ही बनाई गयी तालाब की नई नवेली सुरक्षा दीवार बारिश की वजह ढह गयी।
तालाब में शुरू काम के चलते पानी के बीच में तैयार किये गए उद्यान को पिछले चार सालो से बंद कर दिया गया है.. यह उद्यान परिसर के बुजुर्गो के मेलजोल और योग करने का बड़ा आधार था.. यहाँ शुरू योग केंद्र के ग्रुप से जुड़े कई बुजुर्ग सदस्य बीते चार सालों से भटक रहे है.
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