डॉ.चौधरी का कुलपति पद रहेगा या जाएगा; मांडे कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी; राज्यपाल ने चौधरी को बुलाया

नागपुर: राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी को लेकर सुरु विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। चौधरी के कार्यकाल पर लगे आरोप पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव अशोक मांडे की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। जिसके पश्च्यात राज्यपाल रमेश बैस ने डॉ. चौधरी को मिलने के लिए राजभवन बुलाया है। इसी के साथ बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चौधरी की याचिका पर सुनवाई होने वाली है। ऐसे में अगर उन्हें यहां राहत नहीं मिलती है तो उन्हें एक बार फिर कुलपति का पद छोड़ना पड़ सकता है।
क्या है पूरा मामला?
सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार, राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को कुलपति के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। डॉ. सुभाष चौधरी के कार्यकाल के दौरान उनपर कई तरह के आरोप लगे, जिसमें प्रतिबंधित एमकेसीएल को परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय भी शामिल रहा। डॉ.चौधरी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए नियुक्त उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव अजीत बाविस्कर की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है।

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