समाप्त हुआ महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र, मराठा आरक्षण सहित काई मुद्दों पर जमकर हुई बहस
नागपूर: महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है। 10 दिन चले सत्र में किसान, बेमौसम बारिश, फसल नुकसान, मराठा आरक्षण सहित विदर्भ के मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। इस दौरान दोनों तरफ के नेताओं ने एक दूसरे पर शब्दों के तीखे बाण छोड़े।
विपक्ष ने जहां सरकार को मराठा आरक्षण, बेमौसम बारिश और फसल बीमा को लेकर सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए सहायता नहीं देने का आरोप लगाया। वहीं सरकार ने भी विपक्ष को उसी की भाषा में जवाब दिया। सत्ता में रहते मराठा आरक्षण नहीं देने और विदर्भ का सत्र होने के बावजूद चर्चा के लिए प्रस्ताव नहीं देने पर तंज कसा।
विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अशोक चव्हाण पर बड़ा खुलासा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, ढाई साल के मुख्यमंत्री को डर था कि, मैं मराठा समाज के काम करूंगा इसलिए उन्होंने मुझे उपमिति का प्रमुख नहीं बनने दिया। वहीं अशोक चव्हाण पर हमला बोलते हुए कहा कि, इन्होंने अपने राज में मराठा को आरक्षण नहीं दिया, वहीं अब बयानबाजी कर रहे हैं। इसी के यह तंज भी कसा कि, अशोक युग में उनका उदय हुआ लेकिन मराठा को अंधकार में रखा।
विदर्भ के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस सहित पुरे महाविकास आघाड़ी को जमकर घेरा। आखिरी सप्ताह प्रस्ताव में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि, हर साल विपक्ष द्वारा विदर्भ के मुद्दे पर चर्चा करने का प्रस्ताव दिया जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। विपक्ष ने केवल बयानबाजी की लेकिन प्रस्ताव नही दिया। मुझे उम्मीद थी कि, विपक्ष प्रस्ताव देगा लेकिन वह भूल गया।
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