कार्यकर्ता ने धोये नाना पटोले के पैर, वीडियो सामने आने के बाद एनसीपी भाजपा हमलावर, पटोले ने भी दिया जवाब

नागपुर: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां एक कार्यकर्ता अपने हाथों से पटोले के कीचड़ से सना पैर धो रहा है। वीडियो के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पटोले पर हमलावर हो गई है। दोनों दलों ने वीडियो साझा कर पटोले पर हमला बोला है। विपक्ष के इस आरोप पर पटोले ने भी जवाब दिया है।
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले सोमवार 17 जून को अकोला के वडेगांव में संत गजानन महाराज पालखी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। कल हुई बारिश के कारण कार्यक्रम स्थल पर कीचड़ जमा हो गया। इस कारण पटोले को कीचड़ से गुजरकर संत श्री गजानन महाराज की पालकी के दर्शन करना पड़ा। हालांकि, जमीन पर कीचड़ होने के कारण पटोले के पैर कीचड़ से सने हुए थे। जैसे ही वह नागपुर जाने के लिए अपने वाहन में बैठे तभी पार्टी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और अपने हाथों से पटोले के पर में लगे कीचड़ को धोना शुरू कर दिया। इसी दौरान किसी ने उसका वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कांग्रेस ने जनता को हमेशा समझा धूल
पटोले के पर धोने का वीडियो साझा करते हुए भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। भाजपा महाराष्ट्र ने एक्स पर कहा, "कांग्रेस ने लोगों को हमेशा धूल समझा है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के पैर कीचड़ में सन गए तो उन्होंने एक कार्यकर्ता से पैर धोने को कहा। कांग्रेस के इस सामंती रवैये ने उनकी नसों को नुकसान पहुंचाया है। सबूत है कि अगर सत्ता उनके हाथ में चली गई तो गरीबों को 'दुख' में दिन गुजारने होंगे।"
पटोले खुद को न समझे संत
एनसीपी अजित गुट नेता अमोल मिटकरी ने भी नाना पर हमला बोला। मिटकरी ने कहा, "पालखी समारोह के लिए वडेगांव गए नाना पटोले के पैर मिट्टी से सने हुए थे. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वो पैर धोए. मैंने वारकरी संप्रदाय में एक-दूसरे के पैर छूकर झुकने की प्रथा के बारे में सुना था। लेकिन यह पहली बार था जब मैंने लोगों द्वारा दुसरो से अपने पैर धोते देखा। इस प्रकार, यदि नेता अपने कार्यकर्ताओं का उपयोग करते हैं और उनसे अपने पैर धुलवाते हैं, तो यह निंदनीय है। इससे पता चलता है कि उनकी पार्टी के बारे में सही धारणा क्या है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं नाना पटोले से यही कहूंगा कि वे अपने आप को संत न समझें और कार्यकर्ता सेवक न समझें। साथ ही कार्यकर्ताओं को एक बात समझ लेनी चाहिए कि लोकतंत्र में कोई मालिक नहीं होता। इसलिए किसी को भी जोश में आकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए। इसी के साथ क्या यह सत्ता की मौज थी ऐसा सवाल भी पटोले से पूंछा।"
वायरल वीडियो पर पटोले ने दिया स्पष्टीकरण
वहीं वायरल वीडियो पर पटोले अब स्प्ष्टीकरण दिया है। पटोले ने कहा, "नाना पटोले को किसी से सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। मैं कल की घटना नहीं छिपा रहा हूं। कर्मचारी पानी डाल रहा था (मेरे पैरों पर)। वहां कोई नल नहीं था - 'हर घर में नल, हर घर में जल', नहीं तो मैं नल से पानी ले लेता।"

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