Chandrayaan 3: विक्रम लैंडर की पहली तस्वीर आई सामने, प्रज्ञान ने सुबह खींची फोटो

बंगलुरु: चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर खींची. रोवर में दो नेविगेशन कैमरे हैं, जिनसे यह तस्वीर क्लिक की गई है। इन कैमरों को चंद्रयान-3 मिशन के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला (LEOS) द्वारा विकसित किया गया था।
चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा. इसके बाद रोवर बाहर आया. इसरो ने पुष्टि की कि लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद लैंडर रोवर से बाहर आ गया। रोवर वस्तुओं को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का उपयोग करता है।
Chandrayaan-3 Mission:
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE— ISRO (@isro) August 30, 2023
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर
चंद्रयान ने चंद्रमा के करीब पहुंचने के छठे दिन (29 अगस्त) दूसरा अवलोकन भेजा। इसके अनुसार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर मौजूद है। चंद्रमा की सतह पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी भी पाई गई है।
इसके अलावा चंद्रमा की मिट्टी में मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी है, जबकि हाइड्रोजन की खोज की जा रही है। चंद्रमा की मिट्टी में अब तक कुल 9 तत्व पाए गए हैं। एलआईबीएस, प्रज्ञान रोवर पर मौजूद लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप पेलोड है, जिसने ये अवलोकन भेजे हैं।
सांस लेने लायक नहीं ऑक्सीजन
हालाँकि चंद्रमा की धरती पर पाई जाने वाली ऑक्सीजन उस रूप में नहीं है जिसे सीधे सांस के साथ लिया जा सके। यह ऑक्साइड के रूप में होता है। इससे पहले नासा को चंद्रमा की मिट्टी में भी ऑक्सीजन मिली थी। इसलिए ISTRO के पास पहले से ही यहां ऑक्सीजन प्राप्त करने का मौका था।
ऑक्साइड रासायनिक यौगिकों का एक वर्ग है। इसकी संरचना में तत्व के साथ एक या अधिक ऑक्सीजन परमाणु होते हैं। जैसे Li2O, CO2, H2O इत्यादि। H2O का मतलब है पानी. तो ऑक्सीजन मिलने के बाद अब इसरो H यानी हाइड्रोजन की तलाश में है.

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