MP: जिस बेटी की हत्या के लिए पिता-पुत्र काट रहे जेल, वह निकली जिंदा

छिंदवाड़ा: देश के कानून कहता है कि, भले 100 अपराधी छूट जाए लेकिन कभी कोई बेकसूर को सजा नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन, हमारे सिस्टिम के कारण कभी-कभी ऐसे भी घटनाएं सामने आती है जहां कोई अपराध नहीं करने के बावजूद लोगों को सालों तक जेल की सजा काटनी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा से सामने आई है, जहां पिछले नौ साल से जिस बेटी की हत्या के मामले में पिता-पुत्र जेल की सजा काट रहे थे, वह जिन्दा निकली। पिता एक साल से बेल में बाहर है, वहीं बेटा अभी भी जेल में बंद है।
मामला अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के सिंगोड़ी चौकी का है। सिंगोड़ी चौकी क्षेत्र के जोपनाला गांव निवासी शन्नू उइके (चरवाहा) की 15 वर्षीय बेटी साल 2014 में अचानक घर से गायब हो गई थी।परिजनों ने किशोरी की तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं चला। उसके बाद उसकी गुमशुदगी की शिकायत थाने में दर्ज करायी गयी। इस घटना के 7 साल बाद पुलिस ने शन्न उइके के घर के पास खुदाई की। उसमें एक हड्डी का फंदा और चूड़ियां मिलीं। इस मामले में पुलिस ने लापता लड़की के भाई सोनू पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि पिता ने बच्चे को दफनाने में उसकी मदद की।
परिजनों से नाराज होकर चली गई थी
इस लड़की ने कहा कि मैं अपने परिवार से नाराज होकर घर से चली गई। वर्तमान में मैं उज्जैन में रहता हूँ। पिता और भाई को झूठे मामले में फंसाया गया है। लड़की का पिता 1 साल जेल की सजा काटकर घर आ गया लेकिन भाई अभी भी जेल में है। युवती घर लौटी और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। दूसरा शव मेरा होने का बहाना बनाकर पुलिस ने पिता व भाई को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
पिता ने काबुली हत्या की बात
सुनवाई के दौरान पिता ने हत्या की बात भी कबूल कर ली, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को सजा सुनाई। 1 साल बाद पिता को जमानत मिल गई लेकिन सोनू अभी जेल में है। अब लापता नाबालिग लड़की जिंदा घर लौट आई है। उसकी शादी भी हो गई। इतने सालों बाद मरी हुई लड़की जब गांव में जिंदा दिखाई दी तो गांव वाले भी हैरान रह गए। बच्ची को देखकर माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। इस घटना के दौरान ग्रामीण जमा हो गए।
पुलिस ने मांगी दो लाख की रिश्वत
इस मामले में पुलिस ने पिता को हत्या का जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया। थानाध्यक्ष ने केस रद करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की। हमने 121 हेल्पलाइन पर फोन किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसलिए मुझे और लड़के को जेल जाना पड़ा। मैं जमानत पर बाहर आ गया लेकिन पिता ने कहा कि लड़का अभी जेल में है। अब इस युवती का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा और पुलिस के लिए यह पता लगाने की चुनौती है कि हड्डी का जाल किसका था।

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