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परिजनों द्वारा अभद्रता करने पर मरीज का इलाज करने से मना कर सकते हैं रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स


नई दिल्ली: डॉक्टरों के विरुद्ध हो रही हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कहा गया है कि रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (आरएमपी) उन मरीजों या रिश्तेदारों का इलाज करने से इनकार कर सकते हैं जो डॉक्टरों के साथ गालीगलौज, मारपीट व हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं.

नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया कि मरीजों के अभद्र आचरण के खिलाफ डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन से शिकायत भी कर सकते हैं ताकि मरीज को इलाज के लिए कहीं और भी रेफर कर दिया जाएगा. ये नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह लेंगे. यह पहली बार होगा जब डॉक्टरों को ऐसे मरीजों के इलाज करने से इनकार करने का अधिकार मिलेगा.

दवा कंपनियों से उपहार लेने से मनाही 
नोटिफिकेशन में साफतौर पर कहा गया कि डॉक्टर व उनके परिवार फार्मास्यूटिकल कंपनियों से कोई उपहार, यात्रा सुविधाएं, परामर्श शुल्क या मनोरंजन सुविधा लेने से परहेज करें. आरएमपी को फार्मास्यूटिकल कंपनियों या उससे संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं के सेमिनार, कार्यशाला, संगोष्ठी, सम्मेलन से दूर रहना चाहिए.

आरएमपी के नोटिफिकेशन में कहा गया कि इमरजेंसी केस को छोड़कर डॉक्टर ये तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि वह किस मरीज का इलाज करें. आरएमपी की मरीजों के प्रति जवाबदेही है साथ ही उनकी उपेक्षा करने से बचना चाहिए. मरीजों के इलाज से संबंधित हर बात को उनके परिजनों से भी साझा करना चाहिए और बिना किसी कारण के केस देखने से हटना नहीं चाहिए. डॉक्टरों को मरीजों के इलाज से पहले परामर्श शुल्क की भी जानकारी देनी होगी. अगर मरीजों की सर्जरी करनी है तो उसमें आने वाला खर्च भी बताना होगा.