IISc बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने विकसित किया कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने और उन्हें मारने का नया तरीका

नई दिल्ली: भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के वैज्ञानिकों ने कैंसर कोशिकाओं, विशेष रूप से ठोस ट्यूमर समूह बनाने वाली कोशिकाओं का संभावित रूप से पता लगाने और उन्हें मारने के लिए एक नया दृष्टिकोण विकसित किया है।
'एसीएस एप्लाइड नैनो मैटेरियल्स' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उन्होंने सोने और तांबे के सल्फाइड से बने हाइब्रिड नैनोकण बनाए हैं जो गर्मी का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मार सकते हैं और ध्वनि तरंगों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के कैंसर का पता लगा सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि नैनोकण विशिष्ट प्रकार के कैंसर का निदान करने में भी मदद कर सकते हैं। स्टैंडअलोन कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) और मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन जैसी वर्तमान विधियों में छवियों को समझने के लिए प्रशिक्षित रेडियोलॉजी पेशेवरों की आवश्यकता होती है।
शोधकर्ता ने बताया कि नैनोकणों की फोटोकॉस्टिक संपत्ति उन्हें प्रकाश को अवशोषित करने और अल्ट्रासाउंड तरंगों को उत्पन्न करने की अनुमति देती है, जिसका उपयोग कणों के पहुंचने पर उच्च कंट्रास्ट के साथ कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।
🚨 Scientists at Indian Institute of Science (IISc), Bengaluru have developed a new way to detect and kill cancer cells, especially those which form a solid tumour mass. pic.twitter.com/u4abkSBfkA
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) September 12, 2023

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