यूरोप की तरह अब भारत में भी 'एक देश एक चार्जर', उपभोक्ता मंत्रालय से मिली मंजूरी

नई दिल्ली: पिछले दिनों एक खबर आई थी यूरोपियन यूनियन ने यूरोप के अंदर एक मोबाइल चर्चा योजना लागू करने का आदेश दिया था। इसके तहत अब यूरोप में केवल सी टाइप पिन वाला ही सभी फोन में इस्तेमाल किया जाएगा। इसी निर्णय के बाद देश में भी एक चार्जर एक फ़ोन की योजना लागू करने का तय कर लिया है। ग्राहक मंत्रालय ने इसे अपनी मंजूरी भी दे दी है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि एक बैठक में हितधारकों ने स्मार्ट उपकरणों के लिए साझा चार्जिंग पोर्ट पर सहमति जताई है। तो अब कॉमन चार्जिंग पोर्ट क्लियर हो गया है। कम कीमत वाले फीचर फोन के लिए एक अलग पोर्ट हो सकता है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में मोबाइल निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधि, व्यापार संघों के प्रतिनिधि, औद्योगिक संघों के प्रतिनिधि, आईआईटी के अधिकारी, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस फैसले पर अमल कब से शुरू होगा।
ई-कचरा कम होगासिंगल चार्जर से ई-कचरा कम होगा। ASSOCHAM-EY की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2021 में 5 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न करेगा। भारत चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा ई-कचरा वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है।
टैबलेट, स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के इस्तेमाल को हितधारकों से मंजूरी मिल गई है। इसलिए कम कीमत वाले फीचर फोन को इससे बाहर रखा गया है।
एपल फोन में टाइप-सी पोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल के आने वाले आईफोन में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट भी होगा। वर्तमान में Apple के माध्यम से लाइटनिंग पोर्ट का उपयोग कर रहा हूँ। अब ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि आने वाले मोबाइल से सिर्फ एक ही चार्जर मिलेगा।
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