Union Budget 2024: अंतरिम बजट में मीडिल क्लास को राहत नहीं, आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं

नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा का आखिरी बजट गुरुवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने पेश कर दिया है। चुनावी साल होने के कारण मोदी सरकार (Modi Government) ने अंतिरम बजट पेश किया है, यानी चुनाव के बाद जून-जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। बजट में केंद्र सरकार ने आम जनता के लिए चलाई जा रही योजनओं पर ज्यादा ध्यान दिया है। वहीं कर राहत की उम्मीद कर रहे मीडिल क्लास को निराशा होना पड़ा है, सरकार ने इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालाँकि, सात लाख तक की आय वालों को कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
देश में कुछ दिनों में आम चुनाव की घोषणा होने वाली है। इसको देखते हुए सभी यह आशा लगाकर बैठे हुए थे कि, चुनाव में फायदा मिले इसको देखते हुए सरकार लोकलुभावना बजट पेश करेगी। जिसमे कई ऐसी योजनाओं की घोषणा जिससे चुनाव में फायदा हो, इसी के साथ महिलाओं को ध्यान में रखते हुए भी कोई नई योजना के ऐलान की भी चर्चा थी। हालांकि, सभी को उम्मीदों को तोड़ते हुए सरकार ने अपनी पुरानी राह पर चलते हुए अर्थव्यस्था को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे को किस तरह मजबूत किया जा सकता है उस पर जोर दिया।
मीडिल क्लास को नहीं कोई राहत
मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने केवल साठ मिनट में अपना भाषण समाप्त कर दिया। बीते पांच साल में यह पहला मौका है जब वित्त मंत्री ने इतने कम समय में अपना बजट भाषण समाप्त किया। बजट में मीडिल क्लास राहत लगाकर मिलने की आस लगाकर बैठा था। लेकिन जनता को निराशा हाथ लगी है। सरकार ने इस बार किसी भी तरह के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। इसी के साथ सात लाख तक की कमाई करने वाले को टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।
कॉर्पोरेट टैक्स में थोड़ा बदलाव
वित्त मंत्री ने आम टैक्स में भले कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन कॉर्पोरेट पर लगने वाले टैक्स में कटौती की है। सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को कम कर 23 प्रतिशत कर दिया है। पहले 25 प्रतिशत टैक्स लगता था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 44.90 करोड़ रुपए का खर्च है और 30 लाख करोड़ का रेवन्यू आने का अनुमान है। 10 साल में इनकम टैक्स कलेक्शन तीन गुना बढ़ गया है। मैंने टैक्स रेट में कटौती की है. 7 लाख की आय वालों को कोई कर देय नहीं है. 2025-2026 तक घाटा को और कम करेंगे।

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