नितिन गडकरी ने पारदर्शी टोल कलेक्शन के लिए GNSS पर दिया जोर, कहा - सिस्टम को ऐसा बनाएं की नागरिकों को न लगे झटके

नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि टोल संग्रह के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) प्रभावी, व्यवहार्य और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कल नई दिल्ली में भारत में जीएनएसएस-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।
इस दौरान गडकरी ने कहा, “जीएनएसएस तकनीक नेविगेशन और पोजिशनिंग को बेहतर बनाती है, टोल संग्रह प्रणालियों को आधुनिक बनाने, निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने और हमारी सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
उन्होंने कहा, “हम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने, शासन को अधिक पारदर्शी बनाने और तेज़ सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।”
गडकरी ने कहा कि भारत में वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह से सरकार के टोल राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा।
क्या है GNSS?
ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोलिंग इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह की एक बाधा रहित विधि है, जिसमें सड़क उपयोगकर्ताओं से टोल वाले राजमार्ग खंड पर उनके द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाता है।
ETC प्रणाली लागू करने की योजना
NHAI ने मौजूदा FASTag के साथ GNSS-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ETC) प्रणाली को लागू करने की योजना बनाई है, जिसमें शुरुआत में एक हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जहाँ RFID-आधारित ETC और GNSS-आधारित ETC दोनों एक साथ काम करेंगे। टोल प्लाजा पर समर्पित GNSS लेन उपलब्ध होंगी, जिससे GNSS-आधारित ETC का उपयोग करने वाले वाहन आसानी से गुजर सकेंगे। जैसे-जैसे GNSS-आधारित ETC अधिक व्यापक होता जाएगा, सभी लेन अंततः GNSS लेन में बदल जाएँगी।
आवाजाही में होगी सुविधा
भारत में GNSS आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की सुगम आवाजाही में सुविधा होगी और राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को कई लाभ प्रदान करने की परिकल्पना की गई है, जैसे कि बाधा रहित फ्री-फ्लो टोलिंग जिससे परेशानी मुक्त सवारी का अनुभव होगा और दूरी-आधारित टोलिंग होगी। जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण से टोल चोरी रोकने और टोल चोरों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में टोल संग्रहण प्रणाली अधिक कुशल हो जाएगी।

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