Mahakal Lok: PM नरेंद्र मोदी आज करेंगे पहले चरण का उद्घाटन, 856 करोड़ में संवारा गया परिसर

उज्जैन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय उज्जैन दौरे पर पहुंचने वाले हैं। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री बाबा महाकाल के महाकाल लोक के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। 856 करोड़ में निर्मित यह भव्य कॉरिडोर काशी के विश्वनाथ कॉरिडोर से तीन गुना बड़ा है। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद पहले चरण का काम पूरा हुआ है। उद्घाटन के बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा।
काशी से नौ गुना बड़ा होगा महाकाल लोक
वर्तमान में अभी महाकाल का दरबार ढाई हेक्टेयर में फैला हुआ है। वहीं पहले चरण का काम पूरा होने के बाद यह 47 हेक्टर में हो गया है। यानी काशी विश्वनाथ से चार गुना बड़ा। वहीं दूसरे चरण का काम पूरा होने कॉरिडोर नौ गुना बड़ा हो जाएगा। सरकार ने इस कॅरियडर को अगले 50 साल को ध्यान में रखते हुए बनाया है।
सौंदर्य और पर्यावरण का रखा गया ख़ास ख्याल
कॉरिडोर निर्माण करते समय सौंदर्य और पर्यावरण का ख़ास ख्याल रखा गया है। एक ओर जहां 946 मीटर लंबे कॉरिडोर निर्मित करने के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पत्थर लगाए गए हैं। इसी कॉरिडोर पर चलते हुए भक्त महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। जिसमें भगवान शिव, उनकी महिमा सहित शिव-माता पार्वती के विवाह की कथाएं उकेरी गई हैं। जिसे भक्त सुन और देख सकते हैं। इसी के साथ पर्यावरण को लेकर भी खास ख्याल रखा गया है। कॉरिडोर के अंदर महाकाल वन बनाया गया है, जहां शमी, बेलपत्र, नीम, पीपल, रुद्राक्ष और वटवृक्ष के पेड़ लगाए गए हैं। इसी के साथ हैदराबाद से लाए बड़ी संख्या में पेड़ों में लगाया गया है।
800 घरों को हटाया गया
महाकाल लोक निर्माण करना प्रशासन के लिए आसान नहीं था। कॉरिडोर के विस्तार के लिए सबसे पहले 800 घरों को वहां से हटाया गया। जिसमें कई स्कूल भी थे। इसके बाद रुद्रसागर को साफ़ किया गया। रुद्रसागर को साफ़ करना और उसे संवारना सबसे ज्यादा कठिन रहा। इसके लिए प्रशासन ने सबसे पहले रुद्रसागर में आरहे 12 हजार घरों के गंदे पानी के नालों को बंद किया। इसके पहले पहले तालाब की खुदाई की गई फिर पांच सेवेज पॉइंट को बंद किया गया। इसके बाद घरों से आने वाले ब्लैक वाटर को दूसरी तरफ ले जाने के लिए अलग से लाइन डाली गई।
इसी के साथ 12 महीने रुद्रसागर में पानी रहे इसके लिए शिप्रा से पानी की लाइन लाइ गई। इसी के साथ बीच में एक पम्पिंग स्टेशन भी बनाया गया है। अगर पानी कम हो तो पंप कर रुद्रसागर में पानी लाया जा सके।
बड़ी संख्या में लगाई गई प्रतिमा
कॉरिडोर में बड़ी संख्या में प्रतिमाएं लगाई गईं हैं, जिसमें भक्तों को यहां नीलकंठ महादेव, सती के शव के साथ शिव, त्रिवेणी प्लाजा पर शिव, शक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं, कैलाश पर शिव, यम संवार, गजासुर संहार, आदि योगी शिव, योगेश्वर अवतार, कैलाश पर रावण की प्रतिमाएं शिव की महिमा का गुणगान करती मिलेंगी।
- 18 फीट की 8 प्रतिमाएं: नटराज, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती और समुद्र मंथन दृश्य।
- 15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं: शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बरात, मणिभद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव।
- 11 फीट की 17 प्रतिमाएं: प्रवेश द्वार पर गणेश, अर्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप और जमदग्नी।
- 10 फीट की 8 प्रतिमाएं: लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश।
- 9 फीट की 19 प्रतिमाएं: यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव और ऋषि दधिचि।

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