logo_banner
Breaking
  • ⁕ किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी खुशखबरी, अब जंगली जानवरों और जलजमाव से हुआ नुकसान भी बीमा में होगा कवर ⁕
  • ⁕ विधायक रवि राणा ने की कांग्रेस की कड़ी आलोचना; कहा - सपकाल को चिखलदरा के बारे में नहीं कोई जानकारी ⁕
  • ⁕ Yavatmal: रेलवे गौण खनिज स्कैम में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को नोटिस, विधानसभा डिप्टी स्पीकर ने पूरी जानकारी के साथ पेश होने का दिया आदेश ⁕
  • ⁕ महायुति को 51 प्रतिशत वोटों के साथ मिलेगा बहुमत, मुंबई में होगी 100 पार की जीत: चंद्रशेखर बावनकुले ⁕
  • ⁕ Nagpur: अजनी में दोस्त ने की दोस्त की हत्या, शव जलाकर सबूत मिटाने का किया प्रयास ⁕
  • ⁕ Gondia: कलयुग की हत्यारिन माँ! मामूली स्वार्थ के लिए 20 दिन के बच्चे को नदी में फेंक ली उसकी जान ⁕
  • ⁕ आखिरकार BHEL के प्रोजेक्ट से प्रभावित किसानों को 476 एकड़ ज़मीन का अधिकार मिला वापस ⁕
  • ⁕ Akola: अकोला में गारंटी मूल्य पर पांच दिन में सिर्फ तीन केंद्रों पर खरीदा गया केवल 426 क्विंटल सोयाबीन ⁕
  • ⁕ एग्रो विजन में शामिल होने नागपुर पहुंचे कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे, नाफेड खरीद जल्द से जल्द शुरू होने की कही बात ⁕
  • ⁕ जीरो माइल मेट्रो टनल परियोजना: उच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान, अदालत ने महा मेट्रो से अनुमतियों और सुरक्षा मानकों की मांगी जानकारी ⁕
National

Tiger Census 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया आकड़ा, देश भर में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 पहुंची


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश में बाघों की संख्या का आकड़ा जारी कर दिया है। इसके तहत 2022 तक देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3,167 पहुंच गई। रविवार को देश में बाघ अभियान के 50 साल पुरे हुए। इसी के मद्देनजर कर्नाटक के मुदुमलाई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस का शुभ आरंभ किया। 

नए आंकड़ों के मुताबिक देश में बाघों की संख्या 2,967 से बढ़कर 3,167 हो गई है। पहले जारी आकड़ो के अनुसार, 2006 में बाघों की संख्या 1,411, 2010 में 1,706, 2014 में 2,226 और 2018 में 2,967 थी। जारी आखाड़ो के अनुसार, पिछले चार साल में देश में 200 बाघों की संख्या बढ़ी है।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बोलते हुए कहा, "टाइगर रिजर्व की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। वन्यजीवों के फलने-फूलने के लिए, पारिस्थितिक तंत्र पनपते हैं। ये भारत में हो रहा है। भारत ने न केवल बाघों की रक्षा की है बल्कि उन्हें फलने-फूलने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रदान किया है।" 

उन्होंने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति का संरक्षण संस्कृति का हिस्सा है। यही कारण है कि वन्य जीव संरक्षण में अनेक अनूठी उपलब्धियां हासिल की गई हैं। विश्व के केवल 2.4 प्रतिशत भूमि क्षेत्र के साथ, भारत में वैश्विक जैव विविधता का लगभग आठ प्रतिशत हिस्सा है।"