सरकार ने टोल कलेक्शन नियमों में किया बदलाव, तय की गई दूरी के अनुसार करना होगा भुगतान, 20 किलोमीटर तक कोई शुल्क नहीं

नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने निजी वाहन मालिकों की परेशानी को कम करने के लिए एक नई टोल प्रणाली शुरू की है। अपडेट किए गए राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2024 के तहत, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से लैस वाहन मालिक राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर पहले 20 किलोमीटर तक टोल-मुक्त यात्रा कर सकेंगे।
नए नियमों के अनुसार, वाहन चालकों, मालिकों को अब टोल रोड यानि राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास और सुरंगों पर किसी भी दिशा में 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाली यात्राओं के लिए शून्य-उपयोगकर्ता शुल्क (zero-user fee) देना होगा। इस सीमा से अधिक की यात्राओं के लिए, मोटर चालकों से वास्तविक यात्रा की दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा।
अन्य बदलावों में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) ऑन-बोर्ड यूनिट्स, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) डिवाइस और FASTag सिस्टम सहित विभिन्न तकनीकों के उपयोग के प्रावधान शामिल हैं। अपडेट किए गए नियमों में कहा गया है कि उपयोगकर्ता शुल्क इन तकनीकी साधनों या उनके संयोजन के माध्यम से एकत्र किया जा सकता है।
टोल कलेक्शन प्रक्रिया को और अधिक कारगर बनाने के लिए, GNSS ऑन-बोर्ड इकाइयों से सुसज्जित वाहनों के लिए एक विशेष लेन बनाई जा सकती है। बिना किसी कार्यशील डिवाइस के इस लेन में प्रवेश करने वाले वाहनों को उस टोल प्लाजा पर लागू मानक उपयोगकर्ता शुल्क के दोगुने के बराबर शुल्क का भुगतान करना होगा।

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