फडणवीस ने मुख्यमंत्री शिंदे को दी बधाई, कहा- कुछ लोग राज्य में फैला रहे थे अफवाह
नागपुर: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का स्वागत किया है। फडणवीस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए कहा कि, "राज्य में सरकार का निर्माण कानून के मुताबिक किया गया। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर और बार-बार सरकार के बारे में गलतफहमियां फैलाकर राज्य में माहौल को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे।" इसी के साथ उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
फडणवीस ने ट्वीट करते हुए कहा, "हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाते समय संवैधानिक और कानूनी प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन किया गया और यही कारण है कि यह सरकार मजबूत और मजबूत है। इसीलिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस सरकार को बर्खास्त करने के लिए कोई आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।"
उन्होने आगे लिखा, "लेकिन, कुछ लोग जानबूझकर और बार-बार सरकार के बारे में गलतफहमियां फैलाकर राज्य में माहौल को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे। स्पीकर ने आज विभिन्न नियमों का हवाला देते हुए जो आदेश दिया है, उसके बाद अब भी सरकार की स्थिरता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। मैं दोहराता हूं, यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी! मैं मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे और उनके सहयोगियों को हृदय से बधाई देता हूं।"
क्या निर्णय दिया नार्वेकर ने?
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायक अयोग्यता मामले में अपना निर्णय सुनाया। विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना पार्टी के 1999 के संविधान का हवाला देते हुए कहा की, "शिवसेना पार्टी के 1999 के संविधान के अनुसार असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है। लिहाजा, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपात्र घोषित करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में 1200 पेजों के फैसले के मुख्य बिंदुओं को पढ़ते हुए नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सभी 16 विधायको को पात्र घोषित किया। विधानसभा अध्यक्ष ने फैसले के बाद विधायक खुद पर लटक रही अयोग्यता की तलवार से बच गए. वही एकनाथ शिंदे भी सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे।
आपको बता दें कि, करीब 18 महीने पहले शिंदे समेत 39 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसकी वजह से 57 साल पुरानी पार्टी शिवसेना में विभाजन हो गया था और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इस घटना के बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थी। अब चूँकि विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय शिंदे और उनके विधायकों के हक़ में आया है, ऐसे में अब उद्धव ठाकरे गट इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तयारी में है।
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