नागपुर से गायब हुए फुटपाथ, कही अतिक्रमण तो कहीं बने पार्किंग; लोग सड़कों पर चलने को मजबूर

नागपुर: नागपुर शहर की गिनती एक समय सबसे स्वच्छ और सुन्दर शहरों में होती थी। चौड़ी सड़के, चलने के लिए फूटपाथ एक नियोजित शहर जिस तरह होता है ठीक उसी के अनुरूप नागपुर शहर था। हालांकि, वर्तमान में यह सब शहर से गायब हो चुके हैं। राहगीरों के चलने के लिए बनाये गए फुटपाथ गायब हो चुके हैं। कहीं फुटपाथ पर अतिक्रमण हैं तो कहीं उसे पार्किंग स्थल बना दिया गया है। हालत ऐसे हो चुके हैं कि, राहगीरों को सड़क पर चलना पड़ता है। इन समस्या पर प्रशासन ने अपनी आँख मुंदी हुई है।
नागपुर शहर की जनसख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां लोग बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सडको और फुठ्पाथो पर अतिक्रमण भी बढ़ता जा रहा है। पहले जहां शहर के प्रमुख बाजारों में यह अतिक्रमण दिखाई देता था। वहीं अब यह छोटे मोटे गली मोहल्ले में भी पहुंच गया है। सीताबर्डी, महल, इतवारी, जरीपटका, सक्करदरा सहित शहर काकोई भी क्षेत्र अतिक्रमण से बच नहीं पाया है। वहीं दूसरी तरफ सीमेंट सड़क के निर्माण के बाद जो फुटपाथ थे उनकी ऊंचाई छोटी कर दी है. जिसके बाद अब वह पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सीताबर्डी, शंकरनगर, धमरपेठ तमाम जगहों में फुटपाथ को पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
हॉकर्स की ठोस निति नहीं बनाना पड़ रहा भारी
शहर में हॉकर्स को नियमित करना सहित एक निति बनाने का ऐलान सालों पहले नागपुर महानगर पालिका ने किया था। हालांकि, यह नीति केवल कागजों पर ही दिखाई दे रही है। हॉकर्स को लेकर केवल निति बनाने के लिए बैठकें होती है लेकिन उसका जमीन पर कुछ दिखाई नहीं देता है। कोरोना के बाद शहर में रेडी-पटरी वालों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। एक तरफ जहाँ मनपा का का अतिक्रमण निर्मूलन विभाग तो कार्रवाई करता हैं, लेकिन कुछ घंटे बाद अतिक्रमणकारी फिर से आकर बैठ जाते हैं।

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