मराठा के बाद मुस्लिमो को आरक्षण देने की मांग करने लगे मनोज जारंगे, कहा- कुनबी के तहत ओबीसी में मिले आरक्षण
जालना: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले मनोज जारंगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) अब मुस्लिम आरक्षण (Muslim Reservation) को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गए हैं। जारंगे ने कहा कि, "अगर कोई मुस्लिम कुनबी निकला है तो राज्य के सभी मुस्लिमों को ओबीसी के तहत आरक्षण मिलना चाहिए।" इसी के साथ जारंगे ने यह भी कहा कि, अगर सरकार ने आरक्षण नहीं दिया तो विधानसभा चुनाव में सबक सिखाया जाएगा।"
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए जारंगे ने कहा कि, "1967 में जब ओबीसी को आरक्षण दिया गया तो 180 जातियां थीं. इनमें कुनबी 83वीं जाति थी. इसके बाद इन जातियों की उपजातियाँ शामिल की गईं। तो इसमें मराठा जाति को शामिल क्यों नहीं किया गया? जारांगे पाटिल ने कहा कि अगर मराठा समुदाय को नहीं लिया गया तो अन्य जातियों को किस आधार पर लिया गया, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "ओबीसी की सूची में लोगों को उनकी जाति और व्यवसाय के अनुसार शामिल किया गया था। अगर बागवानी को खेती करने वाले ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है, तो मुस्लिम समुदाय भी खेती करता है, ऐसा सरकारी रिकॉर्ड से पता चला है। यदि आपने माली सांभा को व्यवसाय के आधार पर आरक्षण दिया है तो हम भी खेती करते हैं। तो हम इस सूची में शामिल क्यों नहीं हैं? उन्होंने कहा, हम इसका जवाब चाहते हैं।"
जारंगे ने आगे कहा, "मारवाड़ी, ब्राह्मण, लिंगायत और मुसलमानों के लिए भी सरकारी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। यदि उनकी सहमति किसान कुनबियों के रूप में छोड़ दी जाए तो मुसलमानों को भी ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए। उनके साथ गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए, अब सरकार को कानून के मुताबिक बात करनी चाहिए, पाशा पटेल का कुनबी रिकॉर्ड भी सामने आ गया है।"
राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पाटिल ने कहा कि, "अगर मुसलमानों का रिकॉर्ड कुनबियों के रूप में सामने आ रहा है, तो राज्य के सभी मुसलमानों को ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए और मैं देख रहा हूं कि सरकार कैसे आरक्षण नहीं देती है।"
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