कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को अदालत से बड़ा झटका, फर्जी दस्तावेज मामले में दो साल की सजा; मंत्रिपद पर खड़ा हुआ संकट
नाशिक: राज्य के कृषि मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री कोटे के तहत दिए गए फ्लैटों का गबन करने के एक मामले में दो साल की जेल और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। इस परिणाम ने कृषि मंत्री की विधायकी और मंत्री पद को भी खतरे में डाल दिया है।
निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सरकार द्वारा, अर्थात् मुख्यमंत्री कोटे के माध्यम से, रियायती दर पर अपार्टमेंट उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक शपथ पत्र और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जिसमें यह उल्लेख हो कि उसके नाम पर कहीं भी कोई फ्लैट नहीं है। एडवोकेट माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे ने 1995 में ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किए और शहर के कनाडा कॉर्नर क्षेत्र में निर्माण वु अपार्टमेंट में मुख्यमंत्री कोटे से दो फ्लैट प्राप्त किए।
इतना ही नहीं, इस इमारत के अन्य दो अपार्टमेंट दूसरों द्वारा अधिग्रहित कर लिए गए थे और उनका उपयोग कोकाटे बंधुओं द्वारा किया जा रहा था। इस संबंध में शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन ने जांच कराई। जिला कलेक्टर कार्यालय में नगरीय भूमि (छत विनियमन) विभाग के तत्कालीन विश्वनाथ पाटिल ने एडवोकेट माणिक कोकाटे, उनके भाई विजय कोकाटे समेत चार लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट प्राप्त कर सरकार को धोखा देने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर सरकारवाड़ा थाने में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में पूरी हो गई। गुरुवार को कोर्ट ने राज्य के कृषि मंत्री एडवोकेट को नोटिस जारी किया। माणिक कोकाटे और उसके भाई विजय कोकाटे को दोषी ठहराया गया और दो-दो साल की जेल तथा 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। सरकारी वकील एडवोकेट पूनम घोडके सरकार की ओर से अदालत में पेश हुईं। इस मामले में दो अन्य संदिग्ध थे। सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया। जांच से पता चला कि कोकाटे बंधु संबंधित व्यक्तियों के अपार्टमेंट का भी उपयोग कर रहे थे। अदालत के आदेश के पश्च्यात अगर शीर्ष अदालत ने रोक नहीं लगाई तो कृषि मंत्री का पद मुश्किल में फंस जाएगा।
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