अजित पवार पिछले 24 घंटे से ‘नॉट रिचेबल’, दादा भुजबल के साथ!

नागपुर: राज्य का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा चल रही थी. जहां एक ओर वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की चर्चा हो रही है. वहीं दूसरी ओर एक बड़े घटनाक्रम में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पिछले 24 घंटे से नॉट रिचेबल हैं. उन्होंने 24 घंटे से किसी से मुलाकात नहीं की है. अजित पवार से संपर्क नहीं होने से राजनीतिक चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.
राज्य में कैबिनेट विस्तार के बाद बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी तीनों पार्टियों में नाराजगी फैलनी शुरू हो गई है. महायुति ने अपने पहले कैबिनेट विस्तार में कई विधायकों को झटका दिया. इसी के चलते इन तीनों पार्टियों के दावेदारों और उनके समर्थकों में नाराजगी है.
एक तरफ कैबिनेट विस्तार के बाद छगन भुजबल से नाखुश हैं. उधर, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले 24 घंटे से किसी से मुलाकात नहीं की है. कल यानी सोमवार को सत्र के पहले दिन भी अजित पवार सदन में मौजूद नहीं थे. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नागपुर स्थित विजयगढ़ स्थित आवास पर आने वाले कार्यकर्ताओं को बताया जा रहा है कि अजित पवार बंगले पर नहीं हैं. इसके चलते अजित पवार से मिलने आने वाले कार्यकर्ताओं का तांता लगा हुआ है. दूसरी ओर, अजित पवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार विधानमंडल के सत्र को लेकर काफी गंभीर हैं. सदन के कामकाज में ये जरूरी हैं. अब महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख बनने के बाद सभी की निगाहें उन पर हैं. अजित पवार के पास मांगों का ज्ञापन लेकर आने वालों की संख्या भी अच्छी है. हालाँकि, पिछले 24 घंटों से अजित पवार से संपर्क नहीं हो पाने के कारण चर्चा छिड़ गई है.
कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को कैबिनेट में जगह नहीं मिली. इससे छगन भुजबल और उनके समर्थकों में नाराजगी फैल गई है. नागपुर में ही भुजबल ने भी एनसीपी की सभा से मुंह मोड़ लिया. इसके बाद सोमवार को हॉल में पेश होने के बाद उन्होंने नासिक का रास्ता पकड़ लिया. ओबीसी संगठन इस बात से भी नाराज हैं कि ओबीसी समुदाय पर पकड़ रखने वाले छगन भुजबल को हटा दिया गया है. अब सबकी नजर भुजबल की भूमिका पर है.

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