प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी सहित एनडीए के तमाम सांसदों ने ली शपथ; विपक्ष ने किया सदन के बाहर किया हंगामा

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा (18th Lok Sabha) का पहला सत्र (Parliament Session) आज से शुरू हो गया है। जहां सत्र के पहले दिन सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सांसद के तौर पर शपथ ली। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), राजमार्ग और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) सहित राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबंधन के तमाम सांसदों ने शपथ ली। वहीं सदन के बार विपक्षी इंडी गठबंधन ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर आंदोलन किया।
आज का दिन गौरव मय, वैभव का दिन
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों कॉम संबोधित किया। सत्र के पहले दिन क गौरव का दिन बताते हुए पीएम ने कहा, "संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है,यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग नए उत्साह के साथ नई गति प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण और विकसित भारत का लक्ष्य ये सारे सपने लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया।"
जनता सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत ज़रूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति ज़रूरी है।"
आपातकाल में भारत को जेलखाना बना दिया
इस दौरान पीएम ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। आपातकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।"
विपक्ष ने सड़क के बाहर किया हंगामा
सत्र शुरू होने के पहले विपक्ष ने सदन के बाहर हंगामा किया। विपक्ष ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर यह आंदोलन किया। इस दौरान कांग्रेस की अगुवाई में सबहि विपक्षी पार्टी महात्मा गाँधी के पुतले के पास जमा हुए और नारेबाजी की। इस दौरान सभी ने अपने हाथ में संविधान की प्रति ली हुई थी। इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर सदन में नई परिपाठी शुरू करने का आरोप भी लगाया।

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