सावनेर से अनुजा विजयकर लड़ेंगी विधानसभा चुनाव, पत्नी के लिए सुनील केदार ने शुरू किया प्रचार

नागपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को नागपुर मध्यवर्ती बैंक घोटाला में दोषी पाने और पाया गया। जहाँ अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई। दोषी सिद्ध होने के साथ केदार की विधानसभा सदस्य्ता रद्द कर दी गई। विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले से चर्चा चर्चाओं का दौर तेज है, आखिर सावनेर विधानसभा सीट से चुनाव कौन लड़ेगा? इन चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। विधानसभा चुनाव में केदार ने अपनी पत्नी अनुजा विजयकर केदार को उतारने का निर्णय ले लिया है। पिछले कई दिनों से इसको लेकर तैयारी भी शुरू है।
एनडीएमसी बैंक घोटाले में दोषी होने के तुरंत बाद राज्य विधानसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार, केदार की विधानसभा सदस्य्ता रद्द कर दी थी। अदालत के निर्णय को विरोधियों की साजिश बताते हुए केदार ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई थी। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए रद्द कर दी। अदालत से राहत नहीं मिलते देख केदार के बाद सावनेर से कौन इसको लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया था।
विधानसभा चुनाव में केदार के परिवार से किस को मौका मिलेगा इसको लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। कभी उनकी पत्नी अनुजा विजयकर केदार का नाम चला, तो कभी उनकी दोनों बेटियां पूर्णिमा और पल्ल्वी विधनसभा चुनाव लड़ सकती है ऐसी भी ख़बरें आई। हालांकि, अब यह सामने आ गया है कि, सावनेर से कौन चुनाव लड़ेगा?
विधानसभा क्षेत्र में प्रचार किया शुरू
केदार ने विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी अनुजा केदार को उतारने का तय कर लिया है। इसको लेकर केदार सहित उनके समर्थको ने काम भी शुरू कर दिया है। केदार समर्थक एक तरफ जहाँ अनुजा का प्रचार करने में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ केदार के नहीं रहने से कितना असर पड़ेगा उसको भी भरने का काम शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव में किस तरह प्रचार किया जाएगा, कौन से मुद्दे उठाये जाएंगे, प्रचार का स्वरुप क्या होगा? इन तमाम मुद्दों को लेकर गहराई से काम किया जा रहा है।
नामांकन के दौरान होगा शक्ति प्रदर्शन
सुनील केदार की पत्नी होने के साथ अनुजा विजयकर नागपुर की पूर्व मेयर कुंदाताई विजयकर और बैरिस्टर एस के वानखेड़े की बेटी हैं। मिली जानकारी के अनुसार, नामांकन के आखिरी दिन यानी 29 अक्टूबर को वह अपना नामांकन दाखिल करेंगी। नामांकन के लिए तैयारी आखिरी चरण में पहुंच गई है। मिली जानकारी के अनुसार, केदार नामांकन के दौरान बड़ी सभा कर शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे।
सावनेर केदार परिवार का गढ़
सावनेर विधानसभा सीट केदार परिवार का गढ़ माना जाता है। सुनील केदार 1995 से लगातार इस सीट से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं। 1995 के विधानसभा चुनाव में केदार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सबसे पहले विधायक बने। इसके बाद जब शरद पवार ने एनसीपी बनाई तो वह उसमे शामिल हो गए। हालांकि, चार साल में ही केदार का मोह भांग हो गया और वह एनसीपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद से वह लगातार सावनेर से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हो रहे हैं। नागपुर ग्रामीण की राजनीति में केदार को किंग माना जाता है। नागपुर जिले में उनका कितना प्रभाव है इसी से समझा का सकता है कि, 2024 के लोकसभा चुनाव में केदार ने कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता का साथ न लेते हुए रामटेक लोकभा सीट से अपने उम्मीदवार श्याम बर्वे को जितवा लिया।

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