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उम्मीदवारी घोषित होने से पहले ही प्रफुल्ल गुडधे ने प्रचार किया शुरू, घर-घर जाकर मांग रहे वोट


नागपुर: उपराजधानी नागपुर की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट राज्य की सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित सीटों में से एक हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सीट होने के कारण इसका मतत्व और बढ़ जाता है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ने इस सीट पर अपना पूरा जोर लगाया हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में फडणवीस की सीट पर अपनी पूरी ताकत लगा दी है। वहीं टिकट की घोषणा के पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल गुडधे पाटिल ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है। वह और उनके समर्थक लगातार लोगों के घर-घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं और अपने लिए समर्थन की मांग का रहे हैं। 

प्रफुल्ल नागपुर कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वह लगातार पांच पार नागपुर मनपा में पार्षद (नगरसेवक) निर्वाचित हो चुके हैं। यही नहीं वर्तमान में वह महाराष्ट्र कांग्रेस में प्रदेश सचिव के पद पर हैं। प्रफुल्ल गुडधे दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले उन्होंने 2014 में दक्षिण-पश्चिम नगर सीट से देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें उस समय 56 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। 

एक साल से कर रहे चुनाव की तैयारी 

गुडधे पिछले एक साल से विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। अपनी उम्मीदवारी को पक्की करने के लिए प्रफुल्ल ने हर व चीज की जो वह कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जब विकास ठाकरे को अपना उम्मीदवार बनाया तो प्रफुल्ल ने अपनी दुश्मनी को भुलाकर ठाकरे के समर्थन में प्रचार किया। वहीं ठाकरे ने भी विधानसभा चुनाव में मदद का भरोसा दिया। वहीं विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद प्रफुल्ल और उनके समर्थक लगातार विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और आगामी चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करने का आवाहन कर रहे हैं। 

कुनबी और दलित वोटों पर ज्यादा जोर 

दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट एक ओबीसी जिसमें कुनबी जाती बहुल सीट है। विधानसभा की ज्यादा जनसख्या कुनबी जाती से हैं। इसी के साथ यहाँ दलित समुदाय के मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में हैं। लोकसभा में कुनबी उम्मीदवार होने के कारण कांग्रेस को इसका मिला, वहीं आरक्षण के मुद्दे पर दलित या कहें अनुसूचित जाती के मतदाताओं  ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया। जिसको देखते हुए प्रफुल्ल गुडधे ने भी दोनों समाज के मतदाताओं को अपनी ओर लाने में ज्यादा जोर लगाया है। प्रफुल्ल लगातार लोगों में जाकर अपने समाज का उम्मदीवार होने की बात कह रहे हैं और वोट देने की अपील कर रहे हैं। 

लोकसभा के परिणाम ने बदल विधानसभा का गणित 

दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर 2009 से देवेंद्र फडणवीस चुनाव जीतकर विधायक बन रहे हैं। 2014 में जहाँ फडणवीस ने अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी जीत हासिल की। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में यह लीड कम हुई। 14 में जहा वह 56 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे, वहीं 2019 में उन्हें 49 हजार की ही लीड मिल पाई। वहीं हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को 2019 के मुकाबले दक्षिण-पश्चिम सीट से 35 हजार वोट कम मिले। वोटों की गिरावट को देखते हुए कांग्रेस खासकर प्रफुल्ल को उम्मीद की किरण जागी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए कांग्रेस नेताओं को लगता है कि, इस बार विधानसभा चुनाव में फडणवीस को मुश्किल में डाला जा सकता है।