सुनील केदार को बड़ा झटका, सत्र न्यायालय ने जमानत याचिका की खारिज; सभी दोषी अब हाईकोर्ट के दरवाजे
नागपुर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक घोटाले में दोषी सुनील केदार को बड़ा झटका लगा है। जिला व सत्र न्यायालय ने केदार की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया। अपर न्यायाधीश आरएस पाटिल भोसले ने याचिका पर अपना निर्णय देते हुए केदार सहित सभी दोषियों पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि, ऐसे संगीन आरोपों के बाद जमानत देना सही नहीं होगा। जिला कोर्ट से यचिका ख़ारिज होने के बाद सभी दोषियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार को बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में 21 साल बाद पिछले शनिवार को कोर्ट का फैसला आया था, नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा के साथ ही का जुर्माना भरने का आदेश दिया था। फैसले को चुनौती देते हुए केदार सहित सभी आरोपियों ने जिला व सत्रा न्यायालय के अपर न्यायाधीश के समक्ष सजा पर रोक लगाने और जमानत मिलने की याचिका लगाई थी।
केदार की याचिका पर बीते मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई थी। केदार के वकीलों ने जहां उन्हें घोटाले का लाभार्थी नहीं बताते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी। वहीं सरकारी वकील ने घोटाले का मुख्या सूत्रधार बताते हुए इसका विरोध किया। बुधवार और गुरुवार को भी सजा पर बहस हुई। जिसके बाद न्यायाधीश ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 30 दिसंबर को निर्णय देने को कहा था। जिसके तहत आज अदालत ने याचिका ख़ारिज कर दी।
क्या है पूरा मामला?
साल 2002 में बैंक में 152 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया था. तब सुनील केदार बैंक के चेयरमैन थे । वह इस मामले में मुख्य आरोपी भी थे। मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद की कुछ कंपनियों ने बैंक फंड से 125 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदे थे। इसके बाद इन कंपनियों ने सरकारी बांड का भुगतान नहीं किया और बैंक को पैसा भी नहीं लौटाया. राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी थे। जांच पूरी होने के बाद 22 नवंबर 2002 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। यह मामला तब से लंबित था।
सावनेर विधानसभा सीट से थे विधायक
सुनील केदार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री छत्रपाल केदार के बेटे हैं। सुनील नागपुर जिले की सावनेर विधानसभा सीट से विधायक थे। 1995 में निर्दलीय के तौर पर पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद से वह लगातार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। हालांकि, 1999 के चुनाव में उन्हें हर का सामान करना पड़ा था। इसके पहले उनके पिता भी इसी सीट से विधायक रहे हैं।
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