भाजपा के चार से पांच नेता पार्टी को कर सकते हैं बाय-बाय, बवानकुले बोले- गठबंधन में एनसीपी के आने से कई नेता नाराज

नागपुर: विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में कुछ ही समय बचा हुआ है। वहीं चुनाव को देखते हुए दल बदल शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा फटका भारतीय जनता पार्टी को पड़ता दिखाई दे रहा है। पार्टी के कई बड़े नेता अन्य दलों में शामिल होने के लिए कतार में खड़े दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले ने बड़ा बयान दिया है। बावनकुले ने कहा कि, "गठबंधन में एनसीपी के शामिल होने से पार्टी के 24 नेता अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं। सीट बटवारे के कारण टिकट नहीं मिलने की पृष्ठभूमि पर चार से पांच नेता जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं।" हालांकि, बवानकुले ने यह भी कहा कि, वह इन नेताओं को रोकेंगे नहीं।
एक निजी समाचार पत्र से बात करते हुए बवानकुले ने कहा, "बीजेपी में अब करीब 24 नेता नाराज हैं और उनमें से चार- पांच नेता पार्टी छोड़ने की सोच रहे हैं. अजित पवार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद यह स्थिति पैदा हुई है. ये वो नेता हैं जो अजितदाद के उम्मीदवार से मुकाबला करते. लेकिन सीट बंटवारे में उन्हें बीजेपी से मौका नहीं मिल सकता।"
बावनकुले ने कहा कि बीजेपी ने पिछली बार इंदापुर से हर्षवर्द्धन पाटिल को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गये. अब अगर महायुति नहीं होती तो उन्हें फिर से उम्मीदवारी मिल जाती. 4-5 लोग ऐसे होंगे जिनके पास विधानसभा लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हमारे दरवाजे उन लोगों के लिए खुले हैं जो कहीं और जाना चाहते हैं। हम किसी को नहीं रोकेंगे. फिर भी हम उन्हें समझने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ को केंद्र सरकार में समायोजित करें। बहुतों को लड़ने की कोई जल्दी नहीं है। पार्टी उन्हें जो भी भूमिका बताएगी, वह उसे लेने के लिए तैयार हैं।"
एनसीपी को लेकर लगातार उठ रहे नाराजगी के सुर
ज्ञात हो कि, जब से एनसीपी महायुति में शामिल हुई है तब से भाजपा और शिवसेना में रह रह कर विरोध के सुर उठते हुए दिखाई देते रहे हैं। वहीं लोकसभा चुनाव के बाद तो खुलकर एनसीपी और अजीत पवार का विरोध किया जा रहा है। भाजपा हो या शिवसेना पार्टी के कई बड़े नेता सार्वजनिक मंच से अजीत पवार पर हमला बोल रहे हैं। यहीं नहीं लोकसभा चुनाव में मिली हार में कई कारणों में से एक कारण एनसीपी को शामिल करना भी मान रहे हैं।

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