समारोह कन्नमवार का, चर्चा मुनगंटीवार की; विधायक जोरगेवार का काँग्रेस नेता वडेट्टीवार को पालकमंत्री होने का अप्रत्यक्ष ऑफर

-पवन झबाडे
महाराष्ट्र के दूसरे माजी मुख्यमंत्री मा.सा. कन्नमवार की शतकोत्तर रजत जयंती समारोह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक सुधीर मुनगंटीवार अनुपस्थित रहे। वक्ताओं के भाषणों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुनगंटीवार का कई बार जिक्र किया गया। कार्यक्रम भले ही कन्नमवार जी के सम्मान में था, लेकिन चर्चा का केंद्र मुनगंटीवार ही रहे। निमंत्रण पत्रिका में मुनगंटीवार का नाम नीचे रखा गया था, जिससे उनके नाराज होने की चर्चा जोरों पर थी। माना जा रहा है कि इसी नाराजगी के चलते उन्होंने कार्यक्रम में भाग नहीं लिया।
इस कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार थे। प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। जोरगेवार ने शहर में जगह-जगह मुख्यमंत्री के स्वागत में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए। हालांकि, निमंत्रण पत्रिका में चंद्रपुर के पूर्व पालक मंत्री मुनगंटीवार का नाम नीचे रखा गया था, जबकि कांग्रेस के नेता और पूर्व विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार का नाम ऊपर था। इसे लेकर मुनगंटीवार के नाराज होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इस कार्यक्रम में विधायक कीर्तीकुमार भांगड़िया और विधायक करण देवतले भी अनुपस्थित रहे। मुनगंटीवार, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं, पर कार्यक्रम स्थल पर लगे पोस्टरों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधायक किशोर जोरगेवार के अलावा कार्यक्रम के अध्यक्ष विजय वडेट्टीवार का नाम प्रमुखता से था। अपने संबोधन में जोरगेवार ने चंद्रपुर जिले को ‘वारों’ का जिला बताते हुए पालक मंत्री बनाए जाने की मांग की। साथ ही, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से वडेट्टीवार को भाजपा में शामिल कर मंत्री बनाने का सुझाव भी दिया।
इस पर विजय वडेट्टीवार ने अपने भाषण में कहा कि दो ‘वार’ तो साथ हैं, तीसरे का पता नहीं, जो स्पष्ट रूप से मुनगंटीवार पर तंज था। जोरगेवार और वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री फडणवीस से चंद्रपुर जिले का पालक मंत्री पद स्वीकार करने की अपील भी की। पूरे कार्यक्रम में मुनगंटीवार की अनुपस्थिति की ही चर्चा छाई रही।

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