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Chandrapur

Chandrapur: भाजपा की गुटबाजी रास्ते पर! बंटी भांगड़िया के कंधे का इस्तेमाल कर मुनगंटीवार पर निशाना


-पवन झबाड़े, एडिट बाय- रवि शुक्ला

चंद्रपुर: अनुशासित पार्टी कही जाने वाली भाजपा (BJP) में गुटबाजी की राजनीति शुरू हो गयी है. चिमूर के विधायक बंटी भांगड़िया (Bunty Bhangdiya) के जन्मदिन के अवसर पर कार्यकर्ताओं ने विशेष तौर पर चंद्रपुर और बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्रों में जन्मदिन की शुभकामनाओं वाले बैनर लगाए. हालांकि, इस बैनर से वरिष्ठ बीजेपी नेता और जिला पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) को बाहर रखा गया है. इसलिए राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि मुनगंटीवार के विरोधियों ने भांगड़िया के कंधे का इस्तेमाल कर मुनगंटीवार को नजरअंदाज करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

मुनगंटीवार लोकसभा चुनाव में 260,000 वोटों के अंतर से हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अहीर को हार का सामना करना पड़ा। अहीर अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि पार्टी के अंदर मौजूद विरोधियों ने घात किया, जिसके कारण वह हारे हैं। हालांकि, उन्होंने कभी मुनगंटीवार का नाम नहीं लिया। लेकिन अहीर समर्थक अक्सर सार्वजनिक रूप से दावा करते है कि, अहीर की हार के लिए मुनगंटीवार जिम्मेदार थे। तभी से अहीर और मुनगंटीवार के बीच अनबन चल रही है। 

राज्य की राजनीति में मुनगंटीवार के बढ़ते वजन को देखते हुए उनके पंख कतरने की कोशिशें शुरू हो गईं। उसी के तहत मुनगंटीवार को लोकसभा चुनाव के मैदान में लाया गया। मुनगंटीवार के समर्थकों का कहना है कि इसके पीछे उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस का हाथ है। विधायक भांगड़िया फड़णवीस के समर्थक हैं। वहीं मुनगंटीवार और भांगड़िया के बीच सब सही नहीं है। 

बीजेपी में चर्चा थी कि, अगर मुनगंटीवार लोकसभा में जाते तो शायद पालकमंत्री की जिम्मेदारी भांगड़िया को मिलती। लेकिन मतदाताओं ने मुनगंटीवार को राज्य में बनाए रखा. बीजेपी में अहीर, भांगड़िया बनाम मुनगंटीवार का बंटवारा हो गया है. अब भांगड़िया चिमूर के अलावा जिले की राजनीति में सक्रिय होने के इच्छुक हैं. इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में अपने समर्थक भी तैयार कर लिये हैं. इन्हीं समर्थकों ने अब विधायक भांगड़िया के जन्मदिन के मौके का इस्तेमाल कर मुनगंटीवार को नजर अंदाज करने प्रयास शुरू कर दिया है। 

पार्टी के वरिष्ठ नेता और जिले के पालकमंत्री होने के बावजूद उन्हें भांगड़ियाओं के बैनर में मुनगंटीवार को जगह नहीं दी गई। वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर को जगह दी गई है। इससे पहले मुनगंटीवार के चंद्रपुर और बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्रों में इतनी बड़ी संख्या में भांगड़िया के समर्थन में बैनर पोस्टर नहीं लगाए गए थे. लेकिन इस बार भांगड़िया समर्थकों ने उनके जन्मदिन का ढोल खूब जोर-शोर से बजाया है।

इसलिए अनुशासित पार्टी कही जाने वाली बीजेपी में भी अब खुलेआम गुटबाजी की राजनीति होती नजर आ रही है। बीजेपी में आंतरिक विवाद सामने नहीं आ रहे थे। इसके उलट कांग्रेस में ऐसा कई बार हो चुका है। यहां तक ​​कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य के विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार को अपने बैनर पोस्टर में जगह नहीं देते हैं। अब यही तरीका बीजेपी में भी शुरू हो गया है।