उद्धव ठाकरे के आरोप पर मुख्यमंत्री शिंदे का पलटवार, कहा- रोना छोड़कर विधानसभा चुनाव में आकर लड़ना चाहिए

नागपुर: उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर पार्टी चोरी करने का आरोप लगाया। उद्धव के आरोपों पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है। सीएम ने कहा कि, "लोकसभा चुनाव में जनता ने दिखा दिया है शिवसेना किसकी है। 19 प्रतिशत में से 14 प्रतिशत वोट हमें मिला है।" इसी के साथ शिंदे ने उद्धव से रोना छोड़कर विधानसभा चुनाव में आकर लड़ने का आवाहन किया।
क्या कहा था उद्धव ठाकरे ने?
छत्रपति संभाजीनगर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर एकनाथ शिंदे पर पार्टी और चुनाव चिन्ह चोरी करने का आरोप लगाया। उद्धव ने कहा कि, "गद्दारों को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने मेरी पार्टी चुराकर जीत हासिल की। मेरे पिता के नाम पर वोट मांग कर जीत हासिल की। ये उनकी असली जीत नहीं है। बाला साहेब का तीर-धनुष दिखाकर वोट मांगा। लेकिन मुझे गर्व है कि मैंने मशाल लेकर लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। कई लोगों ने मुझसे कहा कि आप वोट देना चाहते थे लेकिन गलती से हमने धनुष-बाण का बटन दबा दिया। लेकिन अब मशाल घर तक पहुंच गई है. इस मशाल को घर-घर ले जाकर गद्दारों को परास्त करना चाहिए। आख़िर हम कहां चूक गए? अब लोगों से पूछें कि हमने क्या गलत किया? हमने कौन सा पाप किया?
छोटे बच्चे की तरह कितना रोयेंगे
ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए शिंदे ने कहा, "छोटे बच्चे की तरह कितना रोयेंगे। ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव में जनता ने दिखाया। जनता ने बताया असली शिवसेना कौन-सी है। उन्होंने बालासाहेब के विचारों को छोड़ दिया जिसके कारण जनता ने उनकी असली स्थिति दिखा दी। 19 प्रतिशत में से 14 प्रतिशत लोगों ने हमारे समर्थन में मतदान किया है। 13 सीटों पर हम लड़े और सात जीतें। स्ट्राइक रेट में भी हम उनसे कई बेहतर। इसलिए उन्हें रोना बंद कर विधानसभा में उतरना चाहिए।"
विधानसभा में जनता सिखाएगी सबक
आगामी चुनाव को लेकर बोलते शिंदे ने कहा, "लोकसभा चुनाव में किसके वोट उन्हें मिले हैं, सभी को पता है। मूल शिवसेना के मतदाता हमारे साथ है। आगामी विधानसभा चुनाव में इसकी विभूति उन्हें मिल जाएगी। उन्हें पता चलेगा की उन्होंने क्या गलती की है। बालासाहेब के विचारों को छोड़कर जो अभद्र गठबंधन किया है। उसका परिणाम विधानसभा में भोगना पड़ेगा।"
यह देने वाली सरकार, लेनी वाली नहीं
उद्धव ने लाड़ली बहना सहित बजट में घोषित योजना को लेकर भी सरकार को घेरा था। जिसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "महीने महिलाओं को हर महीने 1500 और तीन सिलेंडर देने का निर्णय किया है। यह एक भाई की तरह से भेंट हैं। हमारी नियत देने की थी, इसलिए योजना को लेकर जो नियम थे उसमें भी कटौती की। आप ने कभी दिया नहीं, न देने की इक्छा थी। हमने सभी प्रबंध किया हुआ है।"
उनके और हमारे कार्यकाल की हो तुलना
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "पापा का घड़ा किसका भरा है वह आगामी चुनाव में पता चलेगा। हमारे दो साल और उनके साल में किये कामों की तुलना कर लीजिये। उन्होंने किसानों को इंसेंटिव देने का निर्णय लिए था लेकिन देने का काम हम कर रहे हैं। बिजली माफ़ का वादा कर चुनाव लड़ा और जब देने की बरी आई तो उन्होंने कहा ये प्रिंटिंग मिस्टेक है।" इसी के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, "जो कभी घर से बाहर नहीं निकलते थे वह अब खेतों में पहुंच रहे हैं यह बहुत अच्छा है।"
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