राजुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के अंदरूनी संघर्ष की चर्चा, गुलवाडे की एंट्री भोंगले को चुनौती

चंद्रपुर: जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में कमजोर दिखाई दी है। 2019 के चुनावों में बीजेपी को इस सीट पर भारी हार का सामना करना पड़ा था। उस समय, बीजेपी के मौजूदा विधायक संजय धोटे को कांग्रेस के सुभाष धोटे ने हराया था। कांग्रेस के सुभाष धोटे पहले स्थान पर थे, जबकि शेतकरी संघटना के पूर्व विधायक वामनराव चटप दूसरे स्थान पर आए थे। बीजेपी के संजय धोटे को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।
बीजेपी के लिए राजुरा सीट पर प्रभावशाली प्रदर्शन करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि, संजय धोटे और देवराव भोंगळे ने अब आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। संजय धोटे, जिन्हें "भैया गट" से संबंधित माना जाता है, और देवराव भोंगले, भाऊ के समर्थक है दोनों ही अपने-अपने समर्थकों के साथ मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं।
हालांकि, हाल ही में एक नया नाम सियासी चर्चा में आया है - मंगेश गुलवाडे। भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण महामंत्री है गुलवाडे ने भी राजुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। मंगेश गुलवाडे के पास कोई खास राजनैतिक अनुभव नहीं है और उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं जीता है। फिर भी, उन्होंने अचानक से इस क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाई है और सोशल मीडिया पर भी संबंधित पोस्ट साझा किए हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मंगेश गुलवाडे की यह एंट्री देवराव भोंगळे को चुनौती देने के लिए की गई है। हालांकि, गुलवाडे के पास मजबूत समर्थकों की फौज नहीं है, परंतु उनकी एंट्री से राजुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के भीतर संघर्ष और सियासी तापमान बढ़ गया है।

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