logo_banner
Breaking
  • ⁕ मंत्री आशीष शेलार के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का जवाब , सपकाल ने कहा - भाजपा को मतचोरी में भी दिखाई देता है हिंदू-मुस्लिम ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Maharashtra

आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी न सेंके, आप का मुँह जलेगा; मुख्यमंत्री फडणवीस ने विरोधियों को चेताया


मुंबई: मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारंगे अपने समर्थको के साथ मुंबई में पहुंच चुके हैं। वहीं उन्होंने अपनी भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। जारंगे के साथ हजारो की संख्या में समर्थक भी मुंबई पहुंचे हैं। वहीं इस आंदोलन को लेकर राज्य की कई विपक्षियां पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है और राज्य सरकार को घेरा है। आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री फडणवीस ने सकारात्मक रुख की बात कही है। इसी के साथ आंदोलन के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले नेताओं को भी चेताया।

फडणवीस ने कहा, "मराठा समुदाय की मांगों पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है। आज सुबह प्रदर्शनकारी मुंबई आए। मनोज जरांगे पाटिल भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने सभी से नियमित उपवास रखने और सहयोग करने की अपील भी की है। सरकार की भूमिका भी सहयोग की है। अगर कोई आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से हो रहा है, तो उस आंदोलन में बाधा डालने का कोई कारण नहीं है। लोकतांत्रिक बातचीत के ज़रिए मुद्दों का समाधान होना चाहिए। आंदोलन ही इसका एक तरीका है। इसलिए, सरकार ऐसे आंदोलन के लिए जो भी सहयोग आवश्यक होगा, वह प्रदान करेगी। विशेष रूप से, इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार सहयोग प्रदान किया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों का प्रशासन के साथ पूरा सहयोग

उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ हद तक यातायात व्यवस्था बाधित करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस द्वारा चर्चा के बाद, प्रदर्शनकारियों ने सहयोग किया। बेशक, इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के कारण यातायात व्यवस्था बाधित होना स्वाभाविक है। इन सब बातों में एक बात का ध्यान रखना होगा। यानी कुछ लोग अलग व्यवहार करते हैं और इससे पूरे आंदोलन को नुकसान होता है। किसी को भी इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है। मनोज जारंगे ने भी अपने समर्थकों से अलोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की है।

उन्होंने आगे कहा, "इस मामले में प्रशासन को सरकार के नहीं, बल्कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम करना होगा। इसलिए प्रशासन पर कुछ पाबंदियाँ हैं। इसी पाबंदी के दायरे में रहते हुए, प्रशासन लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शनकारियों को हर ज़रूरी सहयोग प्रदान कर रहा है। सरकार की भी इस मामले में कोई अलग राय नहीं है।"

जारंगे ने फिर मांगी अनुमति

फडणवीस ने आगे कहा, मराठा प्रदर्शनकारियों ने फिर से अनुमति मांगी है। पुलिस क़ानून के दायरे में इस पर सकारात्मक विचार करेगी। यह प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच का फ़ैसला है। हमारा रास्ता प्रदर्शनकारियों की मांगों का कोई भी समाधान निकालना है। सरकार ने इस मामले में एक उपसमिति बनाई है। यह उपसमिति पहले ही कुछ माँगें मान चुकी है। इस मामले में सिर्फ़ आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा। क़ानूनी समाधान ढूँढने होंगे। संविधान सम्मत समाधान ढूँढने होंगे। ऐसे समाधान कैसे निकाले जा सकते हैं? हमारे प्रयास जारी हैं।

दोनों समुदाय एक-दूसरे के खिलाफ न खड़े हों

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने समिति से कहा है कि वे प्रदर्शनकारियों से और हमसे भी चर्चा करें। इससे कोई रास्ता निकल सकता है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस मामले में ऐसी स्थिति न आए जहाँ दोनों समुदाय एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हों। इसलिए हमें ओबीसी समुदाय का ध्यान रखना होगा और मराठा समुदाय को भी न्याय दिलाना होगा। अंत में, मैं एक बार फिर कहता हूँ कि पिछले 10 सालों में मराठा समुदाय को उतना न्याय नहीं मिला जितना महायुति सरकार के कार्यकाल में मिला है। हमने आरक्षण देने का काम किया। हमने सारथी, अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम का काम भी किया है।

रोटी सेंकने की मत करो प्रयास, मुँह जलेगा

मुख्यमंत्री ने उन लोगों को भी चेतावनी दी जो निर्वाण मराठा आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार मराठा समुदाय को लेकर सकारात्मक है। हमें उन पर कोई संदेह नहीं है। हम इस समुदाय के साथ मजबूती से खड़े हैं। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वे दो समुदायों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। वे ओबीसी और मराठा समुदायों के बीच झगड़ा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कुछ लोगों के बयान देखे हैं। मैं देख रहा हूँ कि उनकी कोशिशें क्या हैं। मैं उनसे बस यही कहता हूँ कि इस तरह आंदोलन पर कोयला जलाने की कोशिश मत करो। मैं उनसे कहता कि तुम्हारा मुँह जल जाएगा। आखिरकार, हमें मुंबई, महाराष्ट्र, हमारे सामाजिक ताने-बाने का ध्यान रखना है।"