"भारत को आगे बढ़ने से रोकने का किया जा रहा प्रयास, दुनिया की कई शक्तियां इसके पीछे": मोहन भागवत
नागपुर: विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवको को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने समाज सहित दुनिया भर में हो रही घटनाओं का जिक्र किया। अपने भाषण में भागवत ने कहा कि, "भारत को रोकने और आगे नहीं बढ़ने देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, इसके पीछे दुनिया की कई शक्तियां शामिल है।" संघ प्रमुख ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध को अभद्र बताया। इसी के साथ उन्होंने अपराधी को बचाने के लिए किये प्रयास की निदा की। इसी के साथ संघ प्रमुख ने समाज को संगठित होने और एक साथ चलने का आवाहन भी किया।
संघ प्रमुख ने कहा, "एक चुनौती जिसके बारे में हम सभी को सोचना चाहिए। क्योंकि वह चुनौती सिर्फ संघ या हिंदू समाज के सामने नहीं है. ये चुनौती सिर्फ भारत के सामने नहीं है. यह चुनौती दुनिया भर में उभर रही है. हमें यह समझना चाहिए। कई देश ये भी चाहते हैं कि भारत आगे न बढ़े। उम्मीद है कि उनका विरोध किया जायेगा. वे तरह-तरह की चालें चलेंगे। ऐसा हो रहा है. आज तक भारत को छोड़कर किसी अन्य देश ने विश्व विकास का मार्ग नहीं चुना है। हम यह करते हैं।"
हिन्दुओं को संगठित होने की जरुरत
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्यचार पर बोलते हुए भागवत ने कहा, "दूसरे देशों में तबाही मचाना, उनकी सरकारों को उखाड़ फेंकना, ये चीजें दुनिया में हो रही हैं। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में क्या हुआ? इसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं। लेकिन इतनी बड़ी तबाही नहीं होती। दो बातें स्पष्ट हैं। उस विनाश के फलस्वरूप हिन्दू समाज पर बार-बार अत्याचार हुए। जब भी कुछ गलत होता है तो अपना गुस्सा कमज़ोरों पर निकालने की कट्टरपंथी प्रवृत्ति होती है। जब तक यह रवैया रहेगा, यह तलवार न केवल हिंदुओं, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों के सिर पर लटकी रहेगी।"
हिन्दुओं को संगठित होने का आवाहन करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, "बांग्लादेश में मौजूद हिन्दुओ को हमारी मदद की जरूरत है, दुनिया भर के हिंदुओं की मदद की जरुरत है। हिंदुओं को यह समझना चाहिए कि कमजोर होना अपराध है। हम कमज़ोर हैं, असंगठित हैं इसका मतलब है कि हम ज़ुल्म को न्योता दे रहे हैं। फिर किसी कारण की जरूरत नहीं है. बहाना ये है कि हम कमज़ोर हैं. इसलिए आप जहां भी हों व्यवस्थित रहें। किसी से शत्रुता न करें। हिंसा मत करो. लेकिन इसका मतलब कमज़ोर होना नहीं है। हमें यह करना होगा।”
पाकिस्तान और बांग्लादेश ने मिलाया हाथ
सरसंघचालक ने कहा कि, "बांग्लादेश और पाकिस्तान ने इस बार भारत के खिलाफ हाथ मिला लिया है, 'हम सभी को एक और बात पर ध्यान देना चाहिए. बांग्लादेश में चर्चा है कि भारत हमारे लिए ख़तरा है। पाकिस्तान हमारा मित्र है। इसलिए पाकिस्तान को साथ लेना चाहिए। उन्हें लगता है कि हम मिलकर भारत को रोक सकते हैं. ये चर्चाएं वहां हो रही हैं जहां भारत ने बांग्लादेश के निर्माण में सहयोग किया है और हम बांग्लादेश के प्रति कभी भी शत्रुतापूर्ण नहीं रहे हैं। यह चर्चा कौन कर रहा है? हर कोई जानता है कि यह कुछ देशों के हित में है कि ऐसी चर्चाएं वहां होनी चाहिए। वे चाहते हैं कि हमारे देश में भी ऐसा हो। भारत को शक्तिशाली बनने से रोकने के प्रयास जारी हैं।"
अपराधियों को बचाने का किया जा रहा प्रयास
कोलकाता के आरजीकार अस्पताल मामले को संघ प्रमुख ने कलंकित करने वाला बताया है। संघ प्रमुख ने कहा, "मूल्यों के क्षरण के परिणामस्वरूप हमारे देश में कई स्थानों पर मातृत्व को बलात्कार जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जिसे "मातृत्व की जिम्मेदारी" माना जाता है। कोलकाता के आर.जी. कार हॉस्पिटल की घटना पूरे समाज को कलंकित करने वाली घटना है. पूरा समाज चिकित्सा जगत के साथ खड़ा है। लेकिन इतने जघन्य अपराध के बाद भी कुछ लोगों द्वारा अपराधियों को बचाने की घृणित कोशिश की जा रही है। यह दर्शाता है कि कैसे अपराध, राजनीति और बुरी संस्कृति का मेल हमें बर्बाद कर रहा है।"
ओटीटी ने समाज को किया ख़राब
अपने संबोधन में संघ प्रमुख ने ओटीटी को लेकर चिंता जताई और कानून के तहत उसपर आने वाले कंटेंट पर नियंत्रण करने की मांग की। भागवत ने कहा, "सभी सज्जनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया का उपयोग समाज को जोड़ने के लिए किया जाता है, तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि सभ्य बनाने के लिए किया जाता है, न कि कुसंस्कृति फैलाने के लिए। लेकिन आज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जा रहा है उससे समाज खराब हो रहा है. इसे कानून के दायरे में लाना और उसे नियंत्रित किया जाना जरूरी है।"
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