शिंदे Vs उद्धव: विधायको के निलंबन मामला बड़ी बेंच को गया सौंपा, अब सात सदस्यीय समिति लेगी फैसला

नई दिल्ली: विधायकों को निलंबन मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा आदेश दिया है। जिसके तहत विधायको के निलंबन पर विधानसभा अध्यक्ष की शक्ती का निर्णय सात सदस्यीय संविधान पीठ करेंगी। ज्ञात हो कि, उद्धव गुट (Udhav Thackeray Group) ने मौजूदा नबाब राबिया मामले पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए इसे बड़ी बेंच में भेजने की मांग की थी। जिसे अदालत ने मानते हुए यह आदेश दीया।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, “बहुमत परीक्षण के लिए बुलाने के लिए राज्यपाल के सामने कोई वस्तुनिष्ठ स्थिति नहीं थी।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “अगर किसी पार्टी में आंतरिक गुटबाजी है, तो भी संविधान के प्रावधानों का मतलब यह नहीं है कि राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए।”
शिंदे गुट के नेता प्रतोद भरत गोगावले की नियुक्ति को भी सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, “जब शिवसेना में दो गुट हैं और दो प्रतोदस हैं, तो विधानसभा अध्यक्ष के लिए जांच करना आवश्यक है। विधानसभा अध्यक्ष को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मंजूरी से जांच करनी चाहिए कि प्रतोद कौन है। इसलिए, कुलपति के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति अवैध है।"

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