विदर्भ की सिंचाई परियोजनाओं को लेकर फडणवीस का विपक्ष पर प्रहार, पूछा- सरकार में रहते योजनाओं को मंजूरी क्यों नहीं दी?
मुंबई: विदर्भ में सिंचाई परियोजनाओं (Irrigations Project) को मान्यता नहीं देने को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को आड़े हाथों लिया है। फडणवीस ने कहा कि, "ढाई साल सत्ता रहने वाले ने विदर्भ में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण परियोजनों को इन्होने मान्यता नहीं दी। विदर्भ-मराठवाड़ा (Vidarbha-Marathwada) के लिए बेहद महत्वपूर्ण नलगंगा-वैनगंगा परियोजना (Nalganga-Vainganga Project) तक को मंजूरी नहीं दी। इसी के साथ विकास मंडल को मान्यता देने से इनकार कर दिया। मानसून सत्र से पहले आयोजित प्रेस वार्ता में बोलते हुए फडणवीस ने यह बात कही। इसी के साथ उपमुख्यमंत्री विपक्ष पर झूठ फ़ैलाने का आरोप भी लगाया।
गुरुवार को राज्य विधानसभा का आखिरी सत्र शुरू होने वाला है। सत्र के पूर्व संध्या पर राज्य सरकार ने चाय पार्टी का आयोजन किया था। हालांकि, विपक्ष ने चाय कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया। सत्र को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शामिल हुए। जहां सभी ने विकास सहित तमाम मुद्दों पर महाविकास अघाड़ी नेताओं को घेरा और उनके द्वारा पूछे सवालों का जवाब विधानसभा में देने की बात कही।
विदर्भ के मुद्दे पर एमवीए को घेरा
फडणवीस ने कहा, "झूठ बोलो रटकर बोलो। ऐसी झूठी कहानी गढ़कर चुनाव में सफलता मिलती है तो झूठ बोलना ही पड़ेगा। ऐसी मानसिकता और रवैया विरोधियों का है. दरअसल, अगर वह अपने द्वारा दिए गए पत्र का जिक्र एक वाक्य में करना चाहते हैं तो उन्हें अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए', उन्होंने कहा। कहा कि विदर्भ में सिंचाई के मुद्दे पर सरकार विफल रही है। लेकिन यह विफलता महाविकास अघाड़ी सरकार में हुई है। पिछली सरकार में पैनगंगा प्रोजेक्ट की फाइल आगे नहीं बढ़ी। उनके समय में विदर्भ में एक भी परियोजना स्वीकृत नहीं हुई। उन्होंने वैधानिक विकास बोर्ड को बंद कर दिया। जब हम वापस आये तो हमने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर इसे शुरू किया। वे हमसे पूछते हैं, वाटर ग्रिड का किया हुआ? इनकी सरकार में इन्होने उसकी मान्यत को रद्द कर दिया था।"
उद्धव के काल में सबसे ज्यादा पेपर लिक
पेपर लिक को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए फड़वीस ने कहा, "अब विपक्ष हमसे पेपर लिक पर बात कर रहा है। लेकिन विरोधियों को शायद यह नहीं पता होगा कि पेपर लिक के सबसे ज्यादा मामले उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में हुए थे। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के निवेशकों ने उनसे मुंह मोड़ लिया है. लेकिन वे भूल जाते हैं कि जो महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर चला गया था, वह मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में पहले नंबर पर आ गया है।
हम सभी सवालों का जवाब देंगे
गृहमंत्री ने आगे कहा, "हमने नशे के खिलाफ जंग शुरू की. पूरे देश में लड़ाई छिड़ गई है। यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है। इसलिए यह कार्रवाई नहीं रुकेगी। कानून व्यवस्था हो या जीरो टॉलरेंस की नीति, नशे के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। विपक्षी पार्टी की ओर से कई मुद्दे उठाए गए लेकिन जितनी बार वे हम पर उंगली उठाते हैं, उतनी ही बार वे चार उंगलियों उनपर भी उठती है। खिचड़ी घोटाला, बॉडी बैग खाना, मीडिया में बात करने की बजाय हॉल में बात करें, हम इसका जवाब देंगे। हम सभी सवालों का जवाब देंगे।"
admin
News Admin