Gadchiroli: शिंदे गुट नेताओं में गुटबाजी आई सामने, जिलाध्यक्षों में जमकर हुई मारपीट
गडचिरोली: आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में, राजनीतिक गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ रही है। कई नेता आंतरिक मतभेदों के चलते दल बदलने का फैसला करते दिख रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के दौरों के दौरान यह गुटबाजी और भी भड़क जाती है। ऐसा ही एक मामला गढ़चिरौली जिले में हुआ, जहाँ शिवसेना नेता और शिक्षा मंत्री दादा भुसे के गढ़चिरौली दौरे के दौरान शिंदे गुट के भीतर गुटबाजी साफ़ दिखाई दी।
इस दौरे के दौरान, शिवसेना के दो ज़िला प्रमुखों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि यह मारपीट में बदल गया। यह देखकर, वहाँ मौजूद स्थानीय नागरिकों ने बीच-बचाव कर दोनों को शांत कराया। इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय राजनीति में गुटबाजी और उससे उत्पन्न तनाव को उजागर कर दिया है।
दो ज़िला प्रमुखों के बीच तीखी बहस
राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे के गढ़चिरौली दौरे के दौरान शिंदे गुट का आंतरिक विवाद एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। सर्किट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक समाप्त करने के बाद जैसे ही दादा भुसे चंद्रपुर के लिए रवाना हुए, दोनों जिला प्रमुखों के बीच तीखी बहस छिड़ गई। ऐसा लग रहा था कि यह विवाद श्रेय लेने को लेकर शुरू हुआ और मारपीट में तब्दील हो गया।
इस दौरान शिवसेना के गढ़चिरौली जिला प्रमुख संदीप ठाकुर और अहेरी जिला प्रमुख राकेश बेलसारे के बीच तीखी बहस छिड़ गई। जिले के कई पदाधिकारी मंत्री की मौजूदगी में आयोजित एक बैठक के लिए सर्किट हाउस आए थे। लेकिन, मंत्री के जाते ही दोनों पदाधिकारियों के बीच विवाद बढ़ गया और वे आपस में भिड़ गए।
इस घटना ने शिंदे गुट की स्थानीय गुटबाजी को उजागर कर दिया है। राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान पार्टी इस तरह के विवाद की चपेट में आ सकती है।
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