logo_banner
Breaking
  • ⁕ जय ओबीसी जय संविधान के नारे से गूंजा नागपुर, विजय वडेट्टीवार की अगुवाई में निकला महामोर्चा; दो सितंबर को जारी जीआर को रद्द करने की मांग ⁕
  • ⁕ वाठोड़ा में महिला की रहस्यमयी हत्या, घर में तकिए से मुंह दबाकर उतारा मौत के घाट; पुलिस के लिए बनी पहेली ⁕
  • ⁕ WCL खदान में हादसा, क्रेन के नीचे मिला वेकोलि कर्मी का शव; हत्या या आत्महत्या की आशंका ⁕
  • ⁕ Nagpur: सड़क किनारे नाले में मिला युवक का शव, कामठी शहर की घटना ⁕
  • ⁕ Amravati: मेलघाट में मातृ मृत्यु 'ट्रैकिंग' व्यवस्था सिर्फ़ कागज़ों पर... छह महीने में नौ की मौत ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती, अकोला और नागपुर के बाज़ारों में मेलघाट का स्वादिष्ट सीताफल ⁕
  • ⁕ विदर्भ की 71 नगर परिषदों में अध्यक्ष पदों का हुआ बंटवारा, जानिए किस वर्ग के नाम हुआ कौन-सा शहर! ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Nagpur

अधिवेशन में किसानों का मुद्दा गरमाया, कपास-सोयाबीन के दामों पर विपक्ष का हंगामा


नागपुर: अधिवेशन के तीसरे दिन भी किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सोयाबीन और कपास की फसलों के दाम को लेकर प्रदर्शनकारी किसानों ने पौधों के साथ अनोखा विरोध किया और सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। विपक्ष ने इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश जारी रखी है।

विपक्ष ने कपास, सोयाबीन के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए सत्ता पक्ष पर हमला बोला और “कपास, सोयाबीन को दाम और धान को बोनस मिलना चाहिए। महंगाई आसमान छूने लगी, किसानों की जमीन पर', 'कपास सोयाबीन किसानों के घर, सत्ताधारी विधायक मंत्री पद के लिए लड़ रहे', 'शिंदे फड़णवीस-पवार के बीच कुर्सी की होड़, कपास सोयाबीन को भाव नहीं” ऐसी तख्तियां लेकर विपक्षी दल के विधायकों ने किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाया।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष किसानों के मुद्दे पर आक्रामक नजर आया। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा, “राज्य में किसानों की हालत बहुत खराब है. किसान जान दे रहे हैं। सोयाबीन, कपास का कोई उचित मूल्य नहीं है। धान पर कोई बोनस नहीं है। यह आंदोलन इसलिए शुरू किया गया है ताकि सरकार किसानों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करे।”