Itarsi Railway Bridge: श्रेय को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने, पुल का दो बार उद्घाटन
नागपुर: नवनिर्मित इटारसी रेलवे पुलिया का उद्घाटन विवादों में घिर गया है। निर्माण के श्रेया को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। स्थिति ऐसी बन गई है कि, दोनों पार्टियों द्वारा अलग-अलग कर पुल का उद्घाटन किया गया है।
करीब 80 करोड़ की लागत ने जरीपटका के नजदीक इटारसी पुलिस का हालही में निर्माण किया गया है. इसी पुलिया को आवागमन के लिए खोले जाने को लेकर स्थानीय कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं में प्रतिद्वंदिता दिखाई दी. पहले हवन कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उद्घाटन किया इसके अगले दिन भाजपा ने भी बाकायदा कार्यक्रम लेकर पुलिया का उद्घाटन किया।
भाजपा द्वारा लिए जाने वाले कार्यक्रम के ठीक पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता भी पुल पर पहुंच गए. जिस वजह से मौके पर पुलिस के पहुंचने तक की नौबत आ गयी. कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने स्थानीय भाजपा नेताओं पर पुल के काम का श्रेय लेने का आरोप लगाया है. आरोप यह भी है की भाजपा के जिस नेता ने उद्घाटन किया है उन्होंने ने ही पुलिस का काम न हो इसे लेकर विरोध किया है. अब जब काम पूरा हो गया तो सिर्फ श्रेय लेने के लिए सामने आये है.
शहर के जरीपटका इलाके को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए यह पुलिया बहुत महत्वपूर्ण है. अब जब इसका काम ख़त्म हो गया है तब इसके श्रेय लेने का सिलसिला शुरू हो गया. पुल के उद्घाटन को लेकर विवाद हुआ उसे लेकर यूसीएन न्यूज़ ने भाजपा नेता वीरेंद्र कुकरेजा से भी संपर्क किया। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए की अब पुल का उद्घाटन हो चूका है तो वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। वैसे पुल की जो स्थिति है उसे देखने के बाद यह साफ दिखाई देता है की पुल का आधिकारिक नहीं बल्कि राजनीतिक उद्घाटन हुआ है.
वहीं इस मामले पर कांग्रेस नेता और पूर्व नगरसेवक सुरेश जग्यासी ने कहा, हक़ उसनका बनता है जो काम करता है। मेरे नगरसेवक काल के दौरान मैंने पुल के निर्माण को लेकर हर विभाग से गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने फंड जारी नहीं किया। आखिर में मैंने मनपा और आयुक्त से मुलाकात कर ब्रिज के लिए फंड लाया तब जाकर 2020 में इसका निर्माण हुआ। उस दौरान कुछ लोगों ने स्वार्थ को लेकर इसका विरोध शुरू किया।"
उन्होंने आगे कहा, "आज जो श्रेय लेने का काम कर रहे हैं, उन्होंने इसे रोकने का काम किया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने जहां विरोध किया, वहीं काम रोकने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका भी लगाई थी। 16 महीने पहले ही इसका उद्घाटन हो जाना चाहिए था, लेकिन भाजपा नेताओं के कारण यह लेट हुआ है।"
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