बारिश के दौरान करें ऐसी व्यवस्था की आपातकालीन के दौरान सिस्टम रहे तैयार, नितिन राउत ने विधानसभा में की मांग

नागपुर: नागपुर में हुई मूसलाधार बारिश और उसके कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में हुए जलभराव का मुद्दा आज विधानसभा में उठाया गया। पूर्व मंत्री और उत्तर नागपुर से विधायक नितिन राउत ने यह मुद्दा उठाया। राउत ने कहा, "बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश के कारण नागपुर की अंबाझारी झील ओवरफ्लो हो गई। नागपुर शहर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आ गई। नागपुर के पास बेसा इलाके में नाले की बाढ़ में एक युवक बह गया। राऊत ने विधानसभा में मांग की कि बारिश के मौसम में किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सिस्टम को तुरंत तैयार रहना चाहिए।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए राउत ने कहा, “बुधवार रात से शुरू हुई भारी बारिश के कारण नागपुर जिले में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। शहर और ग्रामीण इलाकों में नदियां और नाले बह रहे हैं। शहर की सड़कें नदी का रूप लेती हुई तस्वीर में थीं। पूरे इलाके में पानी भर गया। कई अपार्टमेंट बारिश के पानी में डूबे नजर आए।”
उन्होंने आगे कहा, “नरेंद्र नगर ब्रिज, पडोले चौक, शंकर नगर, मंगलमूर्ति चौक में घुटनों तक पानी भर गया। चूँकि शहर में पीली नदी उफान पर है, इसलिए एहतियात के तौर पर उचित योजना की आवश्यकता है। राऊत ने बताया, सड़क सचमुच झील में तब्दील हो जाने से आसपास के घरों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।”
पूर्व मंत्री नितिन राउत ने विधानसभा में की मांग, बरसात के दौरान किसी भी आपदा की स्थिति पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए एक सिस्टम तैयार रखा जाना चाहिए। #Nagpur #Nagpurnews #Monsoon #HeavyRainFall #NitinRaut pic.twitter.com/RfsRCUpWTs
— Ucn News Live (@ucnnewslive) July 27, 2023
कांग्रेस नेता ने कहा, “इस समय जिला आपदा प्रबंधन प्रणाली की तैयारी, शहर और जिले में बारिश की स्थिति, बांध में पानी की स्थिति, बाढ़ संभावित और बाढ़ संभावित क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए उचित योजना बनाई जानी चाहिए। नागपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में खतरनाक स्थानों पर रहने वाले नागरिकों को मानसून के दौरान सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “नागरिकों को आपदा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाय। बारिश के दौरान भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में यातायात के लिए सड़कें बंद कर दी जानी चाहिए। आपदा प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक उपकरण और जनशक्ति योजना तैयार की जानी चाहिए।”

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