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Nagpur

Loksabha Election 2024: नितिन गड़करी के खिलाफ कौन? कांग्रेस को नहीं मिल रहा उम्मीदवार!


नागपुर: लोकसभा चुनाव के लिए बिषाद बिछ चुकी है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। तमाम पार्टियों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसमें सीटों का बंटवारा, उम्मीदवारों का चयन, संगठन को मजबूत करना आदि शामिल है। इन तमाम बातों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि, नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ उम्मीदवार कौन होगा? कांग्रेस पार्टी गडकरी के खिलाफ किसे उतारेगी या यह कहें कि, हारने के लिए कौन-सा नेता खड़ा होगा? 

नागपुर लोकसभा सीट को एक समय कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 1977 से लेकर 2014 तक यहाँ से कांग्रेस का उम्मीदवार बिना किसी परेशानी से जीतकर सांसद बनता था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मुख्यालय होने के बावजूद भाजपा यहाँ कभी मजबूत नहीं थी। 1996 को छोड़ दें तो यह सीट हमेशा कांग्रेस के पास रही। नागपुर कांग्रेस के लिए वह सीट मानी जाती थी, जहां से किसी को भी खड़ा कर दिया जाए, उसका जितना निश्चित था। हालांकि, 2014 के चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। भाजपा उम्मीदवार गडकरी ने नागपुर से चार बार के सांसद रहे विलास मुत्तेमवार को सवा दो लाख से ज्यादा वोटो से हरा दिया। वहीं 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामान करना पड़ा। 

नागपुर लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 22 लाख से ज्यादा है। जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध प्रमुख हैं। इसी के साथ क्रिश्चन, सिख और जैन धर्म के वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है। इसमें मुस्लिम और बौद्ध सहित हिन्दुओ में दलित, कुनबी और हलबा कांग्रेस के पारंपरिक वोटर हैं। उन्हीं के बदौलत कांग्रेस का उम्मीदवार यहां से चुनाव जीतकर सांसद बनता रहा। 1996 से 2009 तक विलास मुत्तेमवार नागपुर के सांसद रहे। हालांकि, 2014 में स्थिति पूरी तरह बदल गई। एक तरफ देश में मोदी लहर और दूसरी तरफ गडकरी का काम दोनों का ऐसे संयोजन बना की नितिन गडकरी ने मुत्तेमवार को दो लाख 83 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। 

2019 के चुनाव में कांग्रेस ने गोंदिया-भंडारा लोकसभा सीट से सांसद रहे नाना पटोले को चुनावी मैदान में उतारा। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। आम तौर पर नागपुर कांग्रेस को गुटों का कांग्रेस कहा जाता है। कारण यहाँ के तमाम बड़े नेताओं का अपना-अपना गुट हैं। सभी एक दूसरे को पसंद नहीं करते लेकिन इस चुनाव में सभी एक साथ नजर आये। हालांकि, परिणाम 2014 की तरह रहा। गडकरी ने दो लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।

इच्छुकों से मांगे निवेदन 

कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार चुनने के लिए एक अभियान शुरू किया। इसके तहत पार्टी ने नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इक्छुक से आवेदन मांगे। जहां शहर से 38 नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की इक्छा जाहिर करते हुए आवेदन जमा किये। जिन लोगों ने निवेदन जमा किया, उसमें प्रफुल्ल गुडधे, राष्ट्रीय सचिव नितिन कुंभलकर, नैना ज़ादे, रमन पैगवार, गजराज हटेवार, अन्नाजी राउत जैसे बड़े नेता शामिल रहे।


इन तीन नेताओं के चल रहे नाम 

कांग्रेस की टिकट पर भले ही 38 नेताओं चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। लेकिन, प्रमुखता तौर पर तीन नेताओं के नाम चल रहे हैं। जिसमें विधान परिषद् विधायक अभिजीत वंजारी, प्रदेश महासचिव प्रफुल गुडधे पाटिल और पूर्व सांसद विलास मुत्तेमवार के बेटे विशाल मुत्तेमवार का नाम शामिल है। सूत्रों के अनुसार, तीनों नेताओं में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो गुडधे पाटिल का नाम पहले क्रमांक पर हैं। हालांकि, देखना होगा कांग्रेस किसे चुनावी मैदान में उतरती है।