Assembly Election 2024: पूर्व नागपुर सीट पर भाजपा फिर दिखाएगी कमाल या कांग्रेस करेंगी चमत्कार, जानें आंकड़े

नागपुर: महाराष्ट्र में जल्दी ही विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। चुनाव को देखते ही राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी तैयार शुरु कर दिया है। कोई जहां संगठन को मजबूत करने में लगा हुआ है तो कोई विधानसभा क्षेत्रों में घूम-घूम कर अपनी उपस्थित दर्ज़ कराने और लोगों से मेल जोल बढ़ा रहा है। इसी चुनावी समर में आज हम पूर्व नागपुर विधानसभा सीट को लेकर चर्चा करने वाले हैं। जहां जानेंगे चुनावी स्थित मौजूदा विधायक की स्थिति, जातियां समीकरण सहित बहुत कुछ।
वर्तमान में पूर्व नागपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 2009 से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। भाजपा के कृष्ण खोपड़े लगातार तीन बार से यहां चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कृष्ण खोपड़े ने 52.35 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार पुरुषोत्तम हजारे को 24 हज़ार से ज्यादा वोटों से हराया था।
जानतें है विधानसभा का इतिहास
पूर्व नागपुर विधानसभा सीट का गठन 1978 में किया गया। पहली बार उसी साल इस सीट पर चुनाव हुआ। पूर्व नागपुर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। जब से यह सीट का गठन हुआ है तब से लेकर 2004 तक इस सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतता आया है। 1978 में सबसे पहले यहां बनवारी लाल पुरोहित ने चुनाव जीता था। इसके बाद कांग्रेस की टिकट पर सतीश चतुर्वेदी पांच और अविनाश पांडे एक बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं 2009 से भाजपा के कृष्णा खोपडे़ यहां से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।
नागपुर का प्रमुख आद्यौगिक क्षेत्र
पूर्व नागपुर की बात करें तो यह आद्योगिक क्षेत्र है। स्मॉल फैक्ट्री एरिया सहित शहर के सभी होलसेल मार्केट इसी विधानसभा क्षेत्र में हैं। जिसमें मशहूर बेबरेज कंपनी हल्दीराम का कारखाना भी शामिल है। इसी के साथ नागपुर सहित आस पास के जितने भी बड़े उद्योगपति हैं वह भी इसी क्षेत्र में रहते हैं। मध्य भारत की सबसे बड़ी अनाज मंडी कलमाना एपीएमसी इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। इसी के साथ राजमार्ग क्रमक छह इसी विधानसभा से होकर गुजरता है, जिसके कारण यहां नागपुर शहर का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर भी बना हुआ है।
विधानसभा की जातियां समीकरण
आद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मारवाड़ी, अग्रवाल, पटेल, छत्तीसगढ़ी सहित अन्य समाज के लोग रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, नागपुर पूर्व विधानसभा में एससी मतदाता लगभग 67,183 हैं जो कुल जनसंख्या का 18.73% हैं। एसटी मतदाता लगभग 32,533 और मुस्लिम 32,641 है जो क्रमश: जनसंख्या का 9.07 और 9.1 प्रतिशत है। बाकि बचे में ओबीसी और जनरल वर्ग के मतदाता शामिल है। इसी के साथ इस क्षेत्र में जैन, बौद्ध, सिख मतदाता भी हैं।
यह है विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख मुद्दों में सड़क और अनाधिकृत लेआउट का नियमितीकरण शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े होने के कारण इस क्षेत्र में बीना किसी प्लान के तहत लेआउट बन गए हैं, जिसके कारण वहां मूलभूत सुविधाएं का अभाव बना रहता है। इसी के भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड को स्थानांतरित करना भी प्रमुख मुद्दा है। वहीं स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कामों की धीमी गति भी प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है। यातयात और ट्रैफिक भी चुनावी मुद्दो में शामिल लेकिन वर्तमान में इसे दूर करने का काम किया जा रहा है।
भाजपा अपना कब्जा रख सकती है बरकरार
एक समय कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला पूर्व नागपुर वर्तमान में भाजपा का मजबूत अभेद किला बन गया है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एक तरफ शहर के कई विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्री गडकरी पिछड़ते हुए दिखाई दिए लेकिन पूर्व नागपुर में वह अपने समकक्ष उम्मीदवार से 72 हजार वोटों से आगे रहे। वर्तमान में भाजपा और विधायक कृष्णा झोपड़े मजबूत स्तिथि में हैं। अगर चुनाव में वह एक बार फिर मैदान में उतरते हैं तो वह फिर से बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं।

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